टीनएजर्स और युवा मोबाइल पर सेक्स करते हुए ही रियल सेक्स की तरफ बढ़ते हैं। एक अध्ययन के अनुसार ये बात टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ प्लान की बिक्री के आधार पर की गई है।
और अब ये सेक्स कई सोशल साइटस के द्वारा भी किया जा रहा है। ज्ञात हो कि कुछ सोशल एपलिकेशन ऐेसी भी है जो जब चाहें, आपका सारा डाटा देख सकते हैं। संचार साधनों के रूप में मोबाइल फोन ने क्रांति कर दी है। देश में आज अधिकांश किशोरों और युवाओं के हाथों में उच्च तकनीक का स्मार्टफोन है।
यह हाथ का खिलौना आज सेक्स विकृति के साधन पूर्ति का नायाब उपकरण बन कर युवाओं और किशोरों को अपराध की दुनिया में घसीटता प्रतीत होता है। मल्टी फंक्शनल मोबाइल फोन आज युवाओं और किशोरों की अच्छी बुरी सभी पूर्तियों का साधन बन गया है।
मोबाइल फोन एक ऐसा साधन बनकर हमारे बीच मौजूद है जो दूसरों की कमजोरियों के चलते उन्हें ब्लेकमेलिंग की दिशा में घसीट रहा है। एमएमएस, वीडियोग्राफी और कैमरे की आंख से अश्लील चित्रण के माध्यम से युवाओं और किशोरों में ब्लेकमेलिंग की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहा है। हर तरह की अश्लील वेबसाईट इस छोटे से उपकरण से देखी और डाउन लोड की जा सकती है.
कहते हैं कि सेक्स को दिमाग से नियंत्रित किया जाता है। जब मोबाइल पर सेक्स किया जाता है तो इसमें दिमाग पूरी तरह से शामिल होता है। अक्सर युवा और टीनएजर्स इसमें उतना ही आनंद उठाते हैं जैसे असल में सेक्स करते हुए उठा रहे हों।