आप नींद से जागे और आपको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सन्देश आपके नाम से मिले तो आप क्या करेंगे?
आपको लगेगा आप सपना देख रहे हैं, फिर शायद खुद को थप्पड़ मारेंगे और नींद से जगाने की कोशिश करेंगे . पर तब अहसास होगा की ये कोई सपना नहीं ये तो सच है.
जी हाँ एक सुबह ऐसी आई की लोग बिस्तर से कूद ही पड़े. क्यूँ ? क्यूंकि उन्हें और किसी और का नहीं देश के प्रधानमंत्री का पर्सनल मेसेज मिला था.
युवाओं के दिलों पर कैसे राज करते हैं, ये कोई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीखे.
खैर ऐसा पहली बार नहीं हुआ पर फिर भी जो हुआ वो लोगो के लिए और खासकर युवाओं के लिए काफी सरप्राइजिंग था. अपने कार्यकाल के एक साल पूरा होने पर ट्विटर पर प्रधानमंत्री ने सबको एक सन्देश भेजा.
हमारे सूत्रों की माने तो ये सन्देश १ करोड़ ४० लाख लोगों को भेजा गया. और हर सन्देश का कंटेंट भी अलग था.सबको उनके नाम से सन्देश भेजा गया. ये कोई मजाक नहीं है. टेक्नोलॉजी आगे बढ़ गयी है ये सभी जानते हैं, पर इसका प्रयोग कैसे करे ये हमें अपने प्रधानमंत्री से सीखना चाहिए.
अब जरा सोचिये एक दिन में १ करोड़ ४० लाख लोगो तक पहुंचना, लगभग नामुमकिन सा लगता है.
पर इसको मुमकिन बनाया मोदी और उनके युवाओं की टीम ने.
इतने लोगों तक तो किसी न्यूज़ चैनल की भी पहुँच नहीं है. पर सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाकर मोदी और उनकी टीम इतने लोगों तक पहुंची. और साथ ही एक बार फिर मोदी ने दिखा दिया की मेनस्ट्रीम मीडिया, सोशल मीडिया के सामने अप्रासंगिक हो सकती है. ये वही मेनस्ट्रीम मीडिया है जिनकी मोदी से कभी नहीं बनी. इसलिए मोदी जैसे राजनीतिज्ञ ने इन्हें ही अप्रासंगिक बना दिया. २०१४ की बड़ी जीत इसका सबूत है. और अब भी जनता से जुड़ने के लिए नरेन्द्र मोदी इस प्लेटफार्म का सबसे ज्यादा प्रयोग करते हैं.
इस सन्देश के मिलने के बाद यूथ की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था. और फेसबुक और ट्विटर अधिकतर इसी से भरा पड़ा रहा. कोई ये बताने से पीछे नहीं हट रहा था की उन्हें प्रधानमंत्री का सन्देश मिला. सब प्रधानमंत्री को धन्यवाद दे रहे थे. इससे क्या हुआ? इससे एक बार फिर से मोदी युवाओं के दिलो पर राज कर पाए. लोगो को लगा की कोई ऐसा नेता तो है जो उन तक पहुँच सकता है. और उनकी समस्याओं और बातों को समझ रहा है. इससे उनकी कामों की आलोचना करने वालो ने भी उनकी तारीफ़ की.
इस सन्देश को पाने के बाद फेसबुक और ट्विटर पे लोगो ने अपने सन्देश की फोटोज लेकर लगाना शुरू किया. इसमें ज्यादातर यंग जनरेशन के लोग थे.
जो कैप्शन में “Isn’t it cool PM send me personal message” जैसे लाइन्स लिख रहे थे. आलोचना के लिए कहा जा सकता है की ऑटो जनरेटेड मेसेज भेजा गया. पर फिर भी १ करोड़ ४० लाख लोगो तक पहुंचना और किसी के भी नाम में कोई गलती नहीं होना बहुत बड़ी कामयाबी है.
इससे कुछ हुआ हो या नहीं नरेन्द्र मोदी एक बार फिर युवाओं के दिल तक पहुँचने में कामयाब हुए.