जाति धर्म – इन दिनों देशभर में जाति धर्म का मुद्दा उफान पर है ।
खैर चुनावों से पहले हमेशा ही ये माहौल देखने को मिलता ही है । क्योंकि राजनीतिक पार्टियां लोगों की जरुरत पर नहीं धर्म, जाति के आधार पर वोट मांगती है । अभी कुछ वक्त पहले पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मौके पर हिंदु मुस्लिम सुमदाय के बीच संप्रदायिक झड़प की खबरें आई ।
इसके बाद sc/st में बदलाव को लेकर लोगों ने धरना प्रर्दशन किया । यहां तक कि हाल ही में बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के केस में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत पर मुस्लिम और दलितों पर अत्याचार करने का तंज तक कस दिया । पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि सलमान खान को एक मुस्लिम होने की सजा मिली । अफसोस की बात है कि हमारे देश के अंदरुनी मुद्दों को लेकर बाहरी लोग कंमेट कर रहें है । लेकिन कहीं न कहीं इसके लिए जिम्मेदार हम लोगों के बीच फैला तनाव है । जिसे आग देने का काम राजनीतिक पार्टियां कर रही है ।
पर इन सब माहौल के बीच एक बात गौर करने वाली है कि जाति धर्म के मुद्दो को लेकर हमारे देश का युवा क्या सोचता है?
क्या युवा भी जाति धर्म में विश्वास रखता है क्या देश में दलित युवाओं और मुस्लिम युवाओं के साथ भेदभाव होता है । इस बात में कोई दोराहे नहीं कि आजादी से पहले दलितों के साथ अछूत तरह का व्यवहार होता था। जिसे खत्म करने के लिए सरकार आरक्षण का प्रवाधान लेकर आई । लेकिन शुरुआत में ये प्रवाधान केवल 10 सालों के लिए था । लेकिन वोट बैंक खो जाने के डर से आने वाली सभी सरकारों ने इसे कभी खत्म नहीं होने दिया ।आज के वक्त में स्कूल और विश्वविद्यालयों से लेकर सभी सरकारी नौकरियों में sc/st को आरक्षण दिया जाता है ।
लेकिन भले ही sc/st स्टूडेंस को विश्वविद्यालयों में कोटा मिलता हो । पर कॉलेज में युवाओं के बीच जाति या धर्म बंटता नजर नहीं आता । आप कभी भी जब किसी कॉलेज या स्कूल का दौरा करेंगे तो आप पाएंगे कि वहां कई स्टूडेंस के अपने फ्रेंड सर्कल है जिनमें हिंदु , मुस्लिम , सिक्ख ,ईसाई और सभी जाति के लोग फिर चाहे वो sc/st कोटे से हो या जनरल सब साथ में मौज मस्ती करते यहां तक कि एक ही प्लेट में खाना शेयर करते नजर आते है । उस वक्त आपको महसूस होता है कि भारत से ज्यादा खूबसूरत और बेहतरीन जगह पूरी दुनिया में कहीं नहीं है ।
यूपीएसई की टॉपर टीना डाबी जो कि एक दलित परिवार से हैं उन्होनें यूपीएसई के दूसरे नंबर के टॉपर कश्मीर के अतहर अली खान से हाल ही में शादी रचाई । जो इस बात का सबूत है कि भारतीय युवाओँ की सोच जाति धर्म से कहीं ज्यादा ऊचीं है । हालांकि कई बार पढ़े लिखे युवाओं को भी संप्रदायों को भड़काने वाली राजनीति प्रभावित कर जाती है । जिस वजह से कुछ युवा इन जाति धर्म की राजनीति करने वालों का शिकार हो जाते हैं ।
पर इसमें दोष उनका नहीं माना जा सकता । क्योंकि कई बार मानसिकता भी दूसरों के प्रभाव में आ जाती है । जिसे बचने का सबसे आसान रास्ता है कि हम अपने विचारों में वो प्रार्दशिता लाए जो युवा को गलत मानसिकता रखने से रोकें । क्योंकि भले ही इंसान को भी मजहब , जाति क्यों न हो पर हकीकत तो यही है कि इंसान की बनावट एक ही है । जिस नाक से मैं या आप सांस लेते है उसी से दूसरे मजहब के लोग भी सांस लेते है ।