सीरिया में सिविल वॉर को अब क़रीब 4 साल हो चुके हैं और उस लड़ाई से पनपे आतंकवादी संघठन आई एस आई एस की बर्बरता के क़िस्से अब दुनिया से छुपे नहीं हैं!
पहले सिर्फ़ सीरिया में उनकी हिंसा की खबरें आती थीं, अब दुनिया के अलग-अलग शहरों में उन्होंने आतंक मचाना शुरू कर दिया है| हाल ही में हुए फ्रांस में घातक हमले से अभी तक दुनिया सकते में है! लेकिन इसका ये मतलब नहीं की सब शांत बैठ गए हैं| बल्कि फ्रेंच सरकार ने जवाबी कार्यवाही में सीरिया में आई एस आई एस के ठिकानों पर भारी बमबारी की और उनका नामोंनिशान मिटाने की ठान ली है!
लेकिन हिंसा के इस नंगे नाच में मरता कौन है?
आम आदमी! और उन में सबसे ज़्यादा दुखद मौत होती है छोटे-छोटे बच्चों की जो अपने आप को बचाने में असमर्थ हैं! या तो बेचारे ख़त्म हो जाते हैं या नन्हीं सी जान ज़िन्दगी भर के लिए अपाहिज, यतीम और एक ऐसी ज़िन्दगी जीने के लिए मजबूर हो जाते हैं जो जानवरों से भी बदतर होती है!
आईये आपको दिखाऊँ इस दिल दहला देने वाली सीरिया की ये तसवीरें – सच्चाई की कुछ तसवीरें, दिल थाम के देखिएगा!
1) ये हैं वो मौत के सौदागर जिन्हें ज़िन्दगी से दुश्मनी है!
2) अनेकों हमलों में से एक हमला! और वो भी घरों के बीच, कोई सेना के लड़ाकुओं के साथ लड़ाई के मैदान में नहीं!
3) आतंकियों का तो पता नहीं, आम इंसान के लिए ज़िन्दगी भर की मेहनत एक पल में मिट्टी हो जाती है!
4) ऐसी कब्र तो दुश्मन को भी नसीब ना हो, यही दुआ कर सकते हैं हम!
5) ये मासूम बच्ची शायद ज़िन्दगी से ऐसे और ढेरों सवाल पूछना चाहती होगी कि आखिर उसकी ग़लती क्या है?
6) बहादुरी दिल में होती है और ज़िंदादिली की मिसाल इस बच्चे ने शायद इंसानियत को ये पाठ सीखा दिया है!
7) ये ख़ून, ये ज़ख्म! क्या इनसे खेलने के लिए हुआ था इस बच्चे का जन्म?
8) एक बाप को अपनी इन नन्हीं औलाद का जनाज़ा उठाना पड़े, कहाँ आ गयी है दुनिया?
9) मेरे हाथ ख़ून से नहीं रंगे, मैंने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा, मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं, तो फिर मेरे साथ ऐसा क्यों?
10) ये किस दुनिया में ले आये हमें? क्यों सिखाया था कि प्यार जीतता है? कहाँ है वो मोहब्बत और इंसानियत?
11) आईये मिल कर रौशनी की एक लौ जगाने की कोशिश हम भी करें और सीरिया के लिए शांति और मोहब्बत की दुआ मांगे, उम्मीद है दुआ क़ुबूल हो!
ज़ाहिर है इन तस्वीरों से आपकी भी आँखें नम हो गयी होंगी! आईये कोशिश करें कि अपने आस-पास भटकती हुई पीढ़ी का हाथ थामें और बताएँ कि हिंसा किसी बात का जवाब नहीं है! वो केवल मानवता के चहरे पर एक तमाचा है!
आओ एक बेहतर दुनिया बनाएँ, इश्क़ का पैग़ाम बाँटें, इंसानियत को फिर से ज़िंदा करें!
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