आइये करते है आपका स्वागत हिंदुस्तान में,
एक ऐसा देश जिसे बाहरी दुश्मनों की कोई ज़रूरत नहीं, एक ऐसा देश जिसमे संकट की घडी में राजनेता और बुद्धिजीवी साथ खड़े नज़र नहीं आते, एक ऐसा देश जहाँ व्यक्तिगत स्वार्थ सर्वोपरि है.
एक ऐसा देश जो अगर किसी अपराधी को पकड़ भी ले तो उसके साथ देने वाले हजारों खड़े हो जाते है, पर उस अपराधी के कारण खोयी जिंदगी और उजड़े परिवारों की सुध लेने को खड़े होने वाला कोई नहीं.
84 के दंगों के अभियुक्त
2002 गुजरात में खुलेआम कत्ले आम करने वाले
93 में दंगे करवाने वाले
मुंबई में धमाके कराने वाले
संसद में घुस जाने वाले
या फिर ट्रेन धमाके करने वाले
या मुंबई में 26 नवम्बर को हमला करने वाले