मंदिर से दूर भागते हैं कौवे
मंदिर परिसर में कभी भी कौवे नही आते है. ऐसी मान्यता है कि तपस्या के समय विघ्न डालने की वजह से ऋषि अगस्त ने कौवों को यह श्राप दिया था कि अब कभी भी कौवे मंदिर प्रांगण में नही आ सकेंगे.
गौरतलब है कि यह कहना मुश्किल है कि क्या वाकई में पत्थरों की प्रकृति की वजह से नंदी की प्रतिमा बढ़ रही है या फिर इसके पीछे कोई रहस्य है. लेकिन विशालकाय होते नंदी को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि वो दिन दूर नहीं है, जब नंदी महाराज जाग उठेंगे और कलयुग की लीला समाप्त हो जाएगी.