कहते है ना अति हर चीज़ की बुरी होती है
फिर चाहे वो कुछ कर गुजरने की या देशभक्ति की ही क्यों ना हो.
ना जाने कब क्रांतिकारी से आगे बढ़कर शासक बन जाते है और शासक से कब तानाशाह.
दुनिया में तानाशाही का इतिहास बहुत पुराना रहा है.
दुनिया के तकरीबन हर हिस्से में कभी न कभी तानाशाह हुए है.
आज आपको बताते है कुछ ऐसे तानशाहों के बारे में जिनके सामने दुनिया के बाकि तानाशाह कुछ नहीं थे, इनकी नृशंस्ता, पागलपन, जूनून ऐसा था की उसके सामने न इंसान की कीमत ना इंसान की जान की.
क्रांतिकारी से शासक, शासक से तानाशाह, मिलिए दुनिया के सबसे दुर्दांत तानाशाहों से
माओ जेदोंग या माओ
माओ को लोग आधुनिक चीन का निर्माता भी मानते है. अमीर घर से आये माओ ने चीन में कम्युनिस्ट राज की स्थापना की. 1949 से लेकर माओ की मृत्यु तक चीन में उनकी सरकार रही. लेनिन और मार्क्स को कट्टरता ही हद तक मानने वाले माओ को लेकर लोगों में मतभेद है.
कुछ लोग उन्हें एक दार्शनिक शासक मानते है जिसने चीन को एक नया जन्म दिया वही दुसरे लोगों की नज़र में माओ एक तानशाह थे, जो अपनी सैन्य नीतियों और कानूनों के जरिये हर चीज़ पर नियंत्रण रखते थे.
कहा जाता है कानून के दुरूपयोग के अलावा माओ के शासन काल में उनकी गलत नीतियों की वजह से लाखों लोगों की मौत हुयी थी.
अडोल्फ़ हिटलर
पहले विश्व युद्ध की त्रासदी झेलते हुए जर्मनी को ज़रूरत थी एक नायक की, एक मार्गदर्शक की जो उन्हें राह दिखाये और टूट चुके लोगों को एक साथ बाँधने वाले की.
अडोल्फ़ हिटलर खुद भी एक टूटा हुआ इंसान था जो तलाश रहा था राह अपनी. ऐसे में जर्मनी को ज़रूरत थी हिटलर की और हिटलर की ज़रूरत था जर्मनी . हिटलर ने नाज़ी पार्टी की स्थापना की.
विश्वयुद्ध के बाद अपने देश को संभाला. धीरे धीरे शासक से तानाशाही की ओर बढता गया और फिर झोंक दिया पूरी दुनिया को द्वितीय विश्वयुद्ध में. हिटलर के ना जाने कितने लाख यहूदियों की हत्या करवाई, और कितनी जिंदगियां बर्बाद की.
हिटलर का जर्मनी पर शासन ना सिर्फ जर्मन इतिहास का अपितु विश्व के इतिहास का एक कला अध्याय है.
जोसेफ स्टॅलिन
१९२४ में लेनिन की मृत्यु के बाद बाद रूस की बागडोर संभाली स्टॅलिन ने. स्टॅलिन ने ना सिर्फ लेनिन की नीतियों को आगे बढ़ाया बल्कि उनमे कतोर्ता लाकर कुछ और परिवर्तन भी किये.
अपने विरोधियों को नष्ट करने के नाम पर स्टॅलिन ने जगह जगह सेना से लोगों का दमन करवाया.
स्टॅलिन ने शीत युद्ध के दौरान रूस को दुनिया का दूसरा परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाया. १९३९ में ग्रेट पर्ज के नाम पर सेना की मदद से लाखों हत्याएं करवाई.
रूस भी कोरिया की तरह उन देशों की तरह है जिसने लगातार तानशाही का दंश झेला है. पहले लेनिन और फिर स्टॅलिन. वैसे आज भी वक्त कुछ खास नहीं बदला है पुतिन भी पूरी तरह नहीं तो कुछ कुछ उन तानशाहों जैसे ही है .
हिदेकी तोज़ो
जापानी सेना के जरनल हिदेकी वर्ल्ड वार 2 में अमेरिका के शामिल होने का सबसे बड़ा कारण थे. उस से पहले अमेरिका युद्ध में सक्रिय रूप से भाग नहीं ले रहा था.
जब तोज़ो की अगुवाई में जापान ने पर्ल हार्बर पर हमला किया तो अमेरिका युद्ध में कूद पड़ा. हिदेकी की ही गलती की वजह से जापान को हेरोशिमा नागासाकी की त्रासदी झेलनी पड़ी. और
पोल पॉट
कम्बोडिया के पोलो पॉट का नाम भी दुनिया के सबसे अत्याचारी तानाशाहों में आता है. उनकी शुरुआत भी बाकि तानशाहों की तरह क्रांतिकारी के तौर पर हुयी थी.
धीरे धीरे सरकार के प्रति विरोध और देश की बिगडती हालत ने आग में इंधन का काम किया और पोल पॉट के हाथ सत्ता आ गयी.
हजारों लोगों की हत्या के जिम्मेदार थे पोल पॉट. वियतनाम के साथ युद्ध के बाद 1976- 79 तक पोल पॉट ने राज किया उसके बाद सट्टा से बेदखल होने के बाद पॉट ने एक अलग देश बनाने की कोशिश की.
अंत में कम्बोडिया की सरकार ने उन्हें नज़रबंद कर दिया उसी दौरान उनकी मौत हुई
किम योंग इल
उत्तर कोरिया के दुसरे सुप्रीम लीडर 1994 में में सीनियर किम की मृत्यु के बाद कोरिया की बागडोर संभाली और अपनी नीतियां और जनता और सिस्टम पर प्रतिबन्ध की बदौलत एक तानाशाह का दर्जा हासिल किया.
किम योंग के कार्यकाल में उत्तरी कोरिया को बहुत सी मुश्किलों से गुजरना पड़ा जिसमे वित्तीय अव्यवस्था और मानवाधिकारों का हनन प्रमुख रूप से हुआ.
उनकी मृत्यु के बाद भी हालत कुछ खास नहीं सुधरे और उत्तरी कोरिया लगातार तानशाही की तीसरी पीढ़ी को झेल रहा है.
ईदी अमीन
युगांडा के तीसरे राष्ट्रपति ईदी अमीन दुनिया के सबसे बुरे तानशाहों में से एक है. 1971 से 1979 के दौरान देश की बागडोर संभाली.
पहले वो पश्चिमी देशों की विचारधारा को मानते थे बाद में लीबिया के तानाशाह गद्दाफी और अन्य इस्लामिक देशों की तरफ झुकाव हो गया.
अमीन के कार्यकाल में सूत्रों के अनुसार 100000 से 500000 लोगों की मौत हुयी. कहा जाता है अमीन इंसानों का गोश्त खाया करता था. ईदी अमीन के जीवन पर हॉलीवुड में ऑस्कर विजेता फिल्म लास्ट किंग ऑफ़ स्कॉटलैंड भी बन चुकी है.
ये थे दुनिया के कुछ तानाशाह जो इंसान के रूम में शैतान से कम नहीं थे, ये तो बस कुछ नाम है पर इस तरह के तानाशाहों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है. जब तक शक्ति की भूख रहेगी तब तक ऐसे तानाशाह होते रहेंगे.
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