पाद से जुड़ी बातें – पाद जिसे इंग्लिश में फर्टिंग भी बोलते हैं, पेट कीबीमारियों को दूर करने का एक कारगर उपाय है। लेकिन समाज में अक्सर इसे शर्मिंदगी की नज़र से देखा जाता है।
आपको बता दें पाद यानी फार्ट जैसी चीजों के भी रिकॉर्ड बने हुए हैं।
पाद से जुड़ी बातें –
जहाँ हम ज्यादा से ज्यादा 8 से 10 सेकंड तक पाद सकते हैं वही Mr. Methane नाम से प्रसिद्द हो चुके ब्रिटिश नागरिक पॉल ओल्डफील्ड के नाम लगातार 59 सेकंड तक पादने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। उनकी यह पादने की हैबिट टैलेंट का रूप ले चुकी है इसलिए इन्हें प्रोफेशनल फार्टर भी कहा जाता है।
अगर पाद के कम्पोजीशन के बारे में बात की जाए तो पाद में मुख्य रूप से नाइट्रोजन (N), कार्बनडाई- ऑक्साइड (CO2 ), हाइड्रोजन (H),मीथेन (CH4), ऑक्सीजन (O2 )और कुछ इधर-उधर का खाने के कारण बनी बकवास गैसों से बना मिश्रण होता है। बेसिक तौर पर नाइट्रोजन और कार्बनडाई-ऑक्साइड से बने हुए पाद बदबू नहीं देते बल्कि ऐसे पाद सिर्फ तेज़ आवाज करते हैं लेकिन आपको बता दें कि पाद में बदबू आने का कारण हाइड्रोजन सल्फाइड है, जो एक परसेंट से भी कम मात्रा में उपस्थित होता है।
पाद का हेल्थ पर भी अच्छा-खासा प्रभाव देखने को मिलता है।
अगर आप समय-समय से पाद रहे हैं तो इससे आपका वीपी कण्ट्रोल रहता है, इसके अलावा पेट संवंधित बिमारियाँ भी कम होती है। लेकिन आपको एक बात बता दें कि पाद में बिभिन्न प्रकार के बेक्टेरिया भी होते हैं जो दुसरे व्यक्ति को संक्रमित भी कर सकते हैं।
पृथ्वी पर उपस्थित जीव-जंतुओं की बात की जाए तो पृथ्वी का हर जीव पाद छोड़ता है। जिसमें से दीमक सबसे ज्यादा पाद छोड़ता है, यह एक गाय से भी ज्यादा मीथेन रिलीज़ करता है। इसके अलावा व्हेल मछली के पाद से बनने वाला बुलबुला इतना बड़ा होता है कि उसमें एक घोडा भी समा सकता है। चिम्पेंजी तो इतनी जोर से पादते हैं कि इनकी पाद की आवाज से इन्हें जंगल में भी ढूँढा जा सकता है।
ये है पाद से जुड़ी बातें – पाद एक बहुत ही नेचुरल प्रोसेस है, फिल्मों में आजकल यह कॉमेडी उत्पन्न करने का ज़रिया भी बन चूका है. लेकिन सामाजिक जीवन में आज भी इसे ऐसे देखा जाता है जैसे कोई गुनाह किया हो। यंन्गिस्थान की इस पोस्ट का यही लक्ष्य है कि इन छोटे-मोटे मिथक से निकल कर सुपर हेल्दी लाइफ को अपनायें, क्योंकि अक्सर लोग कई बार सामाजिक डर से पाद रोक लेते हैं जो आगे चल कर बीमारियों का कारण बनता है।