मॉडर्न लाइफ स्टाइल और बिज़ी शेड्यूल के बीच तालमेल बिठाने के चक्कर में अक्सर हम अपनी सेहत को नज़रअंदाज कर देते हैं.
ये तो सभी जानते हैं कि ‘हेल्थ इज वेल्थ’ यानि सेहत ही हमारी सबसे बड़ी दौलत है, बावजूद इसके दुनिया के ऐशो-आराम की चाह ने हमें सेहत के इस खज़ाने से काफी दूर कर दिया है.
ये हमारे मॉडर्न लाइफ स्टाइल की ही देन है कि ज्यादातर लोग कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं और अपनी मेहनत की कमाई का अधिकांश हिस्सा इन बीमारियों से निज़ात पाने में लगा देते हैं. फिर भी स्वस्थ नहीं हो पाते.
अगर हम योग की अहमियत को जानकर, इसे अपने रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा बना लें, तो न सिर्फ हम जीने की सेहतमंद कला को सीख सकते हैं बल्कि योग से हम कई गंभीर बीमारियों से भी आसानी से लड़ सकते हैं और रोक सकते है.
योग का महत्व
योग हमारे देश की एक बहुत ही प्राचीन जीवनशैली में से एक है. माना जाता है कि भगवान शंकर के बाद वैदिक ऋषि-मुनियों से ही योग का प्रारंभ हुआ था. योग के ज़रिए शरीर, मन और दिमाग को पूरी तरह से तनाव मुक्त कर आत्मा को शुद्ध किया जा सकता है. योग से शारीरिक और मानसिक तकलीफों को दूर करके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है.
योग भगाए रोग
ज़रूरत से ज्यादा वर्क लोड, लगातार बाहर का खाना और मानसिक तनाव के चलते अधिकांश लोगों पर माइग्रेन, अस्थमा, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, ब्लडप्रेशर, मोटापे जैसी कई गंभीर बीमारियों का ख़तरा मंडरा रहा हैं. इतना ही नहीं अब तो वक्त से पहले लोगों के चेहरे पर बुढ़ापा भी दिखाई देने लगता है.
इन तमाम परेशानियों से लड़ने का रामबाण उपाय है योग.
योग को अपने जीवन में शामिल करके हम खुद को हमेशा स्वस्थ और एक्टिव रख सकते हैं. इतना ही नहीं बिना दवाइयों के हम कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा भी पा सकते हैं.
दुनिया भर में मशहूर है योग
यूं तो योग हमारे भारत की देन है लेकिन इसे आज पूरी दुनिया ने अपना लिया है.
हम हिंदुस्तानी भले ही योग को अपने जीवन में इतना महत्व नहीं देते, लेकिन विदेशों में हर कोई योग के महत्व को बखूबी समझता है. यही वजह है की खुद को सेहतमंद रखने के लिए विदेशों में ज्यादातर लोग योग का सहारा लेते हैं.
योग दिवस के ज़रिए जागरूकता
विश्व योग दिवस मनाने का पूरा श्रेय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है. उन्हों ने ही यूनाइटेड नेशन में विश्व योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था जो 200 से भी ज्यादा देशों ने 90 दिनों के अन्दर मंजूरी की मोहर लगते हुए विश्व योग दिवस के प्रस्ताव को पारित किया.
स्वस्थ जीवन के लिए योग कितना ज़रूरी है इसकी जागरूकता पूरी दुनिया में फैलाने के लिए 21 जून 2015 से विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरूआत की गई. जिसमें करीब 192 देशों और 47 मुस्लिम देशों में योग दिवस का आयोजन किया गया था.
देश की राजधानी दिल्ली में भी प्रधानमंत्री मोदी और बड़े-बड़े नेताओं के साथ भारी संख्या में लोगों ने एक साथ योग किया. जिसमें करीब 84 देशों के प्रतिनिधी भी मौजूद थे.
इस विश्व योग दिवस पर भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड भी बनाया और अपना नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज कराया था.
पहला रिकॉर्ड एक जगह पर सबसे ज्यादा लोगों के योग करने का बना, तो दूसरा एक साथ सबसे अधिक देशों के लोगों के योग करने का रिकॉर्ड बना.
बहरहाल, योग से न सिर्फ हमारी जीवनशैली स्वस्थ होती है बल्कि योग से मोक्ष पाने का रास्ता भी खुल जाता है. योग से हर रोग, हर समस्या ठीक हो सकती है. ये सच है कि अगर सचमुच सेहत का खजाना आपके साथ है तो दुनिया की कोई भी दौलत इसकी बराबरी नहीं कर सकती.