दुनिया का अंत – अमेरिका की सबसे बड़ी वैज्ञानिक एजेंसी नासा ने दुनिया के खत्म होने की भविष्यवाणी की है।
नासा के वैज्ञानिकों को खतरनाक ज्वालामुखी यलोस्टोन वॉल्कैनो का डर सता रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस की ओर से की गई रिसच में इस ज्वालामुखी से जुड़ी खतरनाक सच्चाई सामने आई है। इस रिसर्च के मुताबिक यहां जियोलॉजिस्ट्स को ज्वालामुखी के नीचे 72 किलोमीटर लंबा और 54 किमी चौड़ा एक चैनल मिला है जो लावा से भरा हुआ है।
वैज्ञानिक हैं परेशान
इस लावा से अब वैज्ञानिक घबराए हुए हैं और अब सवाल ये है कि अगर इस सुपर वॉल्कैनो में धमाका हुआ तो क्या होगा। वैज्ञानिकों की मानें तो इस वॉल्कैनो के फटने से ही दुनिया का अंत शुरु होगा। इसे दुनिया का अंत कहा जा सकता है। ये लावा अमेरिका से शुरु होकर घंटे भर में ही एशिया तक पहुंच जाएगा।
यूनिवर्सिटी की तरफ से रिसर्च कर रहे एक वैज्ञानिक ने बताया कि इतनी तादाद में लावा होना बहुत खतरनाक होता है और ये कभी भी फट सकता है और अगर ऐसा हुआ तो दुनिया का अंत निकट है।
ऐसे होगी तबाही
रिसर्च टीम के मुताबिक इस ज्वालामुखी में इतनी ताकत है कि इसका मलबा आसमान में हज़ारों किलोमीटर तक फैलेगा। इससे निकलने वाली मोटी राख आसमान में जम जाएगी जो सूरज की किरणों को पूरी तरह से ढक देगी।
इससे परमाणु के हमले के बाद जैसे हालात बन जाएंगें। सूरज की किरणें महीनों धरती पर नहीं पड़ेंगी और हम न्यूक्लियर विंटर जैसा कुछ देखेंगें। इतना ही नहीं इसका लावा भी कई किलोमीटर के दायरे में बिखरेगा। इससे जिंदगी खत्म हो जाएगी।
वैज्ञानिक पहले भी दे चुके हैं चेतावनी
इस ज्वालामुखी पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि सबसे खतरनाक माने जाने वाले इस ज्वालामुखी से बहुत बड़ा धमाका हो सकता है। अमेरिका की वॉल्कैनो ऑबज़्रवेट्री में रिसर्च कर रहे साइंटिस्ट को डर है कि इस बार इसके विस्फोट से हाइड्रोथर्मल इरप्शन होगा। अगर ऐसा होता है तो इससे लगे कई इलाकों में विनाश जैसी होगी और कई जानें भी चली जाएंगीं।
होगा हाइड्रोथर्मल इरप्शन
ये इरप्शन तब होता है जब जमीन के नीचे मौजूद कोई पानी का बड़ा स्रोत ऐसे ज्वालामुखी की वजह से बेहद गर्म हो जाता है। ये इतना ज्यादा गर्म हो जाता है कि विस्फोट के साथ जमीन को चीरता हुआ कई सौ फीट तक निकलता है। खौलते हुए पानी के साथ-साथ चट्टानों के टुकड़े बम के गोले की तरह निकलते हैं।
13 हज़ार साल पहले हुआ था इतना बड़ा धमाका
लगभग 13 हज़ार साल पहले ऐसा ही एक धमाका इसी ज्वालामुखी के पास हुआ था और इस वजह से यहां 2.5 किलोमीटर चौड़ी खाई बन गई थी। यहां ऐसे छोटे-मोटे विस्फोट अकसर होते रहते हैं जिससे कई मीटर लंबे गड्ढे बनते रहते हैं पर अब कुछ भी विनाशकारी हो सकता है।
दुनिया का अंत नज़दीक है – आपको समझ लेना चाहिए कि अगर नासा के वैज्ञानिक इस ज्वालामुखी से घबरा रहे हैं तो ये कितना खतरनाक होगा। फटने के बाद ज्वालामुखी को भारत पहुंचने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा। वैज्ञानिकों की मानें तो ये ज्वालामुखी फटने के बाद एक घंटे में ही भारत तक पहुंच जाएगा।