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मिताली राज ने बनाया ऐसा रिकॉर्ड जो आज तक कपिल देव, सौरव गांगुली और धोनी भी नहीं बना सके

मिताली राज का रिकॉर्ड

मिताली राज का रिकॉर्ड – आईसीसी महिला विश्व कप में भले ही टीम इंडिया को इंग्लैंड के हाथों 9 रनों से हार झेलनी पड़ी हो लेकिन भारत की कप्तान मिताली राज ने वो कारनामा कर दिखाया जो आज तक कोई भी भारतीय कप्तान नहीं कर पाया।

फिर चाहे वो पुरुष टीम का ही क्यों न हो।

मिताली राज ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार बल्लेबाजी तो की ही साथ ही उन्होंने शानदार कप्तानी भी की। टीम भले ही रोमांचक मुकाबले को 9 रन से हार गई हो लेकिन मिताली ने अपना नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज करा लिया।

आखिर कौन सा रिकॉर्ड मिताली ने किया अपने नाम आइए जानते हैं।

मिताली राज का रिकॉर्ड –

किसी भी विश्व के फाइनल में 2 बार पहुंचने वाली भारत की पहली कप्तान बनीं मिताली राज:

मिताली राज भारत की ऐसी पहली कप्तान बन गईं हैं जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने दो बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचने में सफलता पाई है। मिताली के अलावा किसी भी भारतीय टीम के कप्तान के नाम ये उपलब्धि दर्ज नहीं है। फिर वो चाहे पुरुष टीम का कप्तान ही क्यों न हो। मिताली की कप्तानी में भारत ने इससे पहले साल 2005 के विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि टीम उस मुकाबले में भी ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार गई थी।

कपिल देव, सौरव गांगुली, एम एस धोनी भी नहीं कर पाए ऐसा कारनामा:

कपिल देव, एम एस धोनी और सौरव गांगुली की कप्तानी में भी टीम इंडिया आज तक 2 बार आईसीसी विश्व कप के फाइनल में नहीं पहुंच सकी है। कपिल की कप्तानी में टीम ने साल 1983 के विश्व को जीता था, तो वहीं सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत को साल 2003 विश्व कप के फाइनल में हार झेलनी पड़ी थी। इसके अलावा धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने साल 2011 का विश्व जीता था और साल 2015 में सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी।

ये है मिताली राज का रिकॉर्ड – साफ है मिताली राज ने उस उपलब्धि को अपने नाम कर लिया जिसे कपिल देव, सौरव गांगुली और एम एस धोनी सरीखे दिग्गज भी नहीं कर सके। मिताली की कप्तानी में भले ही टीम विश्व कप हार गई हो लेकिन टीम ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन खेल दिखाया। यही वजह रही कि टीम इंडिया के प्रदर्शन की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है और हर कोई भारतीय टीम का गुणगान कर रहा है।

ये कह सकते हैं कि मिताली राज ने हार के बाद भी एक ऐसी उपलब्धि अपने नाम कर लिया जो आज तक भारत के किसी भी कप्तान को हासिल नहीं हो सकी।