नया धर्म – पूरी दुनिया में 7.6 बिलियन लोग रहते है इनमें से कई लोग है जो अलग-अलग धर्मों को मानते है.
वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो किसी धर्म को नहीं मानते है. इन सभी धर्मों की अपनी-अपनी थ्योरी है जो इंसान को मोक्ष का रास्ता दिखाती है. लेकिन अभी हाल ही में एक नए धर्म का अस्तित्व सामने आया है जी हाँ अब तक आपने हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, यहूदी, बहाई, जैन, बौद्ध, पारसी जैसे कई धर्मों के नाम सुने होंगे लेकिन आपने अब तक ‘Kopimism’ धर्म का नाम नहीं सुना होगा.
दरअसल पिछले कुछ समय पहले एक नया धर्म अस्तित्व में आया है जिसका मानना है कि फाइल शेयरिंग इस ब्रह्माण्ड का सबसे पुण्य का काम है. इस धर्म को स्विडिश गवर्नमेंट ने 5 जनवरी 2011 को एक धर्म के रूप में मान्यता दी है.
इस नया धर्म के आध्यात्मिक गुरु का नाम Isak Gerson है.
आइये जानते है इस धर्म के बारे में-
इस धर्म की अवधारणा-
वैसे तो संसार में कई धर्म है जो अपने-अपने कर्मकांड, तौर-तरीकों और रीति-रिवाजों के लिए जाने जाते है. लेकिन Kopimism या फाइल शेयरिंग इन सबसे अलग है. इस धर्म के धर्म गुरु का कहना है कि Kopimism शब्द दो अलग-अलग शब्दों से मिलकर बना है ‘Copy’ और ‘Me’. इस धर्म के फॉलोवर को ‘Kompimist’ या ‘Kopimist Intellectual’ कहा जाता है. इस धर्म की ऑफिसियल वेबसाइट में किसी देवी-देवता या शक्ति के बारे में कुछ नहीं लिखा गया है उनका मानना है कि ‘संचार सबसे पवित्र है’.
धार्मिक चिन्ह-
जैसे सभी धर्मों के अपने-अपने धार्मिक चिन्ह है वैसे ही Kopimism धर्म का भी अपना धार्मिक चिन्ह है. इनका धार्मिक चिन्ह कॉपी और पेस्ट से मिलकर बना है. इनके धार्मिक चिन्ह में Ctrl+C और Ctrl+V बना लिखा हुआ है.
धार्मिक विचार-
इस धर्म के फॉलोवर का मानना है कि जानकारी का आदान-प्रदान करना और जानकारी कॉपी करना एक नेक काम है. ये लोग Copyright और Plagiarism जैसी बातों को मोह माया समझते है. इस धर्म के गुरु Isak का कहना है कि इस अनोखे धर्म को सरकारी मान्यता दिलाना बिलकुल भी आसान नहीं था. कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद इस धर्म को सरकारी मान्यता दी गई.
मंदिर-मस्जिद नहीं बल्कि यहाँ मिलते है इस धर्म के अनुयायी-
इस धर्म में किसी तरह की मैडिटेशन और प्रार्थना की बात नहीं कही गई है बल्कि इनफार्मेशन को कॉपी करना ही इनकी प्रार्थना है जिसे Kopyacting कहा जाता है. ये लोग हमारी और तुम्हारी किसी मंदिर, मस्जिद या चर्च में नहीं जाते बल्कि इन लोगों का धार्मिक स्थान Web Page और Server होता है.
जब हुई पहली शादी-
अप्रैल 2012 में जब इस धर्म के अनुसार पहली शादी हुई तो इसमें पंडित या पादरी की जगह एक कंप्यूटर ने अपनी भूमिका निभाई. और शादी में सभी लोगों ने अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराई.
ये है संसार का सबसे अजीब और नया धर्म इस नये धर्म के बारे में जानकर आपको कैसा लगा ये हमें जरूर बताइये. अगर आप भी इस धर्म के फॉलोवर बनना चाहते है तो आपको इनकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा और अपने आपको उनके अनुसार रजिस्टर करना होगा.
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