कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा। कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा। हम भी वहीं मौजूद थे, हम से भी सब पूछा किए, हम हँस दिए, हम चुप रहे, मंज़ूर था परदा तेरा। -इब्ने इंशा 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Featured · love · love story · romance · इश्क़ Article Categories: प्रेम