आगाज़ तॊ होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वॊ नाम नहीं होता
जब ज़ुल्फ़ की कालिख़ में घुल जाए कोई राही
बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं हॊता
-मीना कुमारी
देखा जिस अहसास को समझाने के लिए लफ्ज़ नहीं मिलते कितनी आसानी से शायरों के ये अलफ़ाज़ बयां कर देते है उस अहसास को जिसे नाम दिया है इश्क़ का .