इश्क़ … मुहब्बत …. प्यार
और भी ना जाने क्या क्या नाम है. जैसे अलग अलग नाम वैसे ही अंदाज़ ए बयां भी अलग अलग.
आज की दौड़ भाग वाली सुपरफ़ास्ट जिंदगी में जब प्यार अपने मायने बदल रहा है.
आशिक को समझ नहीं आता के कैसे समझाए माशूक को हाल ए दिल.
ऐसे में ज़रा आजमाकर देखिये इन शायरों के वो अलफ़ाज़ जिन्हें पढ़कर इश्क़ को भी इश्क़ हो जाये.
साहिर लुधियानवी , गुलज़ार से लेकर ग़ालिब, मज़ाज़ और इब्ने इंशा , कैफ़ी आज़मी और बशीर बद्र जैसे शायर जिनके लिखे लफ्ज़ दिल का हाल बता देंगे खासकर तब जब आप कह ना सके उनसे दिल का दर्द.
इस रात की निखरी रंगत को कुछ और निखर जाने दे ज़रा
नज़रों को बहक जाने दे ज़रा ज़ुल्फ़ों को बिखर जाने दे ज़रा
कुछ देर की ही तस्कीन सही
कुछ देर का ही आराम सही
–साहिर