रेल बस में अनारक्षित सीट खाली नहीं करने वाले बदतमीज़ और असभ्य है – ये सबसे बड़ी ग़लतफ़हमी होती है. जब भी कोई लड़की भरी हुयी बस,ट्रेन, या मेट्रो में किसी लड़के को देखती है और वो सीट नहीं छोड़ता तो ना सिर्फ वो लड़की अपितु आस पास के लोग भी उस लड़के को असभ्य और बदतमीज़ समझते है.
पर हर बार ये सच हो ऐसा नहीं है, अगर कोई लड़का अनारक्षित सीट पर बैठा है और कोई लड़की जो स्वस्थ है सिर्फ इसलिए सीट चाहती है कि वो लड़की है तो ये गलत है , हो सकता है वो लड़का अस्वस्थ हो या फिर कहीं दूर से सफर करके थका हारा हो या फिर 10 घंटे ऑफिस में काम करके घर जा रहा हो. इन परिस्थितियों में अगर वो सीट ऑफर नहीं करता है तो उसे असभ्य या बदतमीज़ समझना गलत है.