भारत की शिक्षा प्रणाली कैसी है, ये तो हम सभी अच्छे से जानते है।
लेकिन अभी हाल ही में एक ऐसा मुद्दा सामने आया है जो हमारे एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़े करता है।
जी हाँ महाराष्ट्र के नागपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहाँ के सीबीएसई स्कूल में 12 वीं क्लास के पाठ्यक्रम में शामिल की गई एक किताब में लड़कियों का बेस्ट फिगर क्या होना चैये ये बताया गया है।
इस किताब के अनुसार लड़कियों का बेस्ट फिगर 36-24-36 होना चाहिए जो सर्वश्रेष्ठ होता है और यही फ़िगर लड़कियों का बेस्ट फिगर होना चाहिए।
आपको बता दें कि सीबीएसई की 12 वीं क्लास की फिजिकल एजुकेशन की किताब में ये बाते लिखी है। इस किताब के लेखक डॉक्टर वीके शर्मा है, उन्होंने दावा किया है कि लड़कियों का बेस्ट फिगर 36-24-36 ही सही शेप है। हालाँकि किताब के नए संस्करण में फ़िगर शब्द हटा दिया गया है, जब कि इस किताब के नए संस्करण में ऑवरग्लास (सैंड क्लॉक) शेप की तुलना लड़कियों के शरीर से की गई है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार किताब के लेखक डॉक्टर वीके शर्मा ने अपने दावे के पक्ष में तर्क देते हुए किताब में लिखा है कि यही कारण है कि मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स जैसे प्रतियोगिताओं में ऐसे शेप का ख्याल रखा जाता है। इस किताब को लेकर बढ़ते हुए विवाद के चलते इसके प्रकाशक ने किताब का वितरण और प्रकाशन रोक दिया है।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर सीबीएसई वालों का कहना है कि उसके द्वारा मान्यता प्राप्त कोई भी स्कूल नियम 15.1 (डी) के तहत निजी प्रकाशकों की किताब पाठ्यक्रम में शामिल नहीं कर सकता है।
एक तरह से देखा जाए तो इस तरह की बातें स्कूल के बच्चों में भेदभाव की भावना पैदा करती है।
इस लड़कियों का बेस्ट फिगर की मामले की वजह से एक बार फिर से भारतीय शिक्षा तंत्र पर सवाल उठाये जा रहे है, बहरहाल ये पूरा मामला तूल पकड़ता जा रहा है
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