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महिला समानता दिवस: दुनिया की वो महिलाएं जिन्होंने तोड़ी हर बेड़ियाँ

खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी….

रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होल्कर, सरोजनी नायडू या फिर विजयलक्ष्मी पंडित इन सबके बारे में हमने बहुत पढ़ा और सुना है.

आज हम आपको बताते है दुनिया की कुछ ऐसी ही औरतों के बारे में जिन्होंने समाज की बेड़ियाँ तोड़कर एक नयी शुरुआत की और अपना नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज कराया.

आज 26 अगस्त का दिन महिला समानता दिवस के रूप में मनाया जाता है. तो चलिए आज जानते जय कुछ उन खास महिलाओं के बारे में जिन्होंने मर्दों के बराबर या यूँ कहे उनसे आगे निकलकर दिखाया वो भी उस समय जब नारी समानता की बात कोई सोचता भी नहीं था.

Amelia Earhart

1937 में अपना वायुयान उड़ाते हुए गायब होने से पहले ही एमेलिया ने अपना नाम इतिहास के पन्नो में दर्ज करा लिया था.  एमेलिया दुनिया की ऐसी पहली महिला पायलट थी जिन्होंने अटलांटिक सागर पार किया था.

एमेलिया के नाम और भी कई रिकॉर्ड दर्ज है उनकी लिखी गयी किताबें आज भी महिलाओं ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायी है. 1937 में दुनिया का चक्कर लगाने के अभियान पर निकली एमेलिया बीच में ही गायब हो गयी.

उनके गायब होने को लेकर कई तरह की अटकलें लगायी गयी पर उनका कभी पता नहीं चला कि आखिर वो और उनका यान कहाँ गायब या दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

Jeanne Manford

भारत में जहाँ आज भी समलैंगिकता एक अपराध माना जाता है और कुछ समय पहले ही अमेरिका ने समलैंगिकता को मान्यता दी है.

समलैंगिकता को लेकर अब हमारे विचार खुल रहे है लेकिन फिर भी ऐसे माता पिता ना के बराबर दिखते है जो अपनी समलैंगिक संतान का समर्थन करे.  जीन मैनफोर्ड एक ऐसी महिला थी जिन्होंने शायद सबसे पहले अपनी संतान की समलैंगिकता का समर्थन किया था. 1972 में जीन ने “गे प्राइड परेड” अपने बेटे के साथ भाग लिया था.

Margaret Hamilton

इनका नाम शायद ही आपने सुना होगा पर आप सब अपोलो मिशन के बारे में तो जानते ही होंगे. अपोलो मिशन ही वो मिशन था जिसमे इन्सान ने चंद्रमा की धरती पर पहली बार कदम रखा था और इस मिशन के लिए कंप्यूटर और अन्य उपकरणों में जो कोडिंग की गयी थी वो करने वाली एक महिला थी. मार्गरेट हैमिलटन.

 Sarla Thakral 

1914 में जन्मी सरला ठकराल ने 21 वर्ष की उम्र में विमान उड़ाने का लाइसेंस हासिल किया था. सरला भारत की पहली महिला थी जिन्होंने हवैजहज उड़ाया था. लाहौर फ्लाइंग क्लब में उन्हें 1000 से भी ज्यादा घंटे विमान उड़ाने का अनुभव प्राप्त था. कमल की बात ये है कि जब उन्होंने विमान उड़ाने का लाइसेंस हासिल किया तब उनके चार साल की बेटी भी थी.

Anna Fisher

जहाँ मार्गरेट हेमिल्टन ने अमेरिका के चंद्र मिशन के सपने को अपनी कोडिंग के जरिये साकार किया वही एना फिशर जो कि एक डॉक्टर और नासा की अन्तरिक्ष यात्री थी ने पहली बार अन्तरिक्ष में माँ बनने का गौरव हासिल किया. जी हाँ एना ने अपने बच्चे को अन्तरिक्ष में जन्म दिया था. आज भी 66 वर्ष की उम्र में एना दुनिया की सबसे उम्रदराज़ सक्रिय अन्तरिक्ष यात्री है.

देखा आपने ये थी दुनिया की वो महिलाएं जिन्होंने तोड़ी हर बेड़ियाँ और अमर हो गयी इतिहास में  और  पुरुषों को भी पीछे छोड़ कर सफलता के नए आयाम गढ़े. आज महिला समानता दिवस पर हम आशा करते है कि सभी महिलाएं इनसे प्रेरणा लेंगी और सही मायनों में खुद को पुरुषों के बराबर खड़ा करने के प्रयास करेंगी.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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