यह एक बात तो सत्य है कि अधिकतर युद्ध का कारण कहीं न कहीं स्त्रियाँ ही होती हैं.
यह बात सालों से यूँ ही चलती हुई आ रही है. हम अगर यह बात बोल रहे हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि हम महिलाओं को नीचा दिखा रहे हैं या यह सिद्ध कर रहे हैं कि औरतें युद्ध की वजह बनती हैं.
किन्तु इतिहास के अन्दर हम कई बड़ी लड़ाईयां देखते हैं तो यह साफ़ नजर आता है कि इस युद्ध की वजह महिलायें रही थी. भारत के इतिहास का एक काला अध्याय जिसे हम महाभारत कहते हैं इसकी वजह भी स्त्रियाँ ही नजर आती हैं.
बेशक स्त्रियों का इस्तेमाल तो पुरूषों ने ही किया था किन्तु युद्ध की वजहों में यह औरतें दिखती हैं.
आइये देखते हैं कि महाभारत युद्ध के पीछे किन-किन स्त्रियों का हाथ बताया जा सकता है
1. द्रोपदी
सबसे पहला नाम यहाँ पर पांडवों की पत्नी द्रोपदी का आता है. द्रोपदी का बेशक यहाँ पहले जुए में प्रयोग कर बड़ी गलती की गयी थी लेकिन बाद में जिस तरह का द्रोपदी का बर्ताव रहा वह युद्ध की वजह बना था. आप इस बात के लिए महाभारत को देख सकते हैं या पढ़ सकते हैं. वैसे बोला जाता है कि द्रोपदी इस युद्ध की सबसे बड़ी वजह रही है.
2. गांधारी
कौरवों की माता गांधारी आँखों पर पट्टी लगा कर बेशक रहती थी किन्तु सत्य यह है कि वह अपने पुत्र प्रेम की वजह से मन की आँखों से भी अंधी ही थी. युद्ध को रोकने के लिए इनका कोई भी प्रयास नहीं हुआ जो बाद में पुत्रों की मौत की वजह भी बन गया.
3. कुंती
पांडवों की माता का व्यवहार वैसे औरों की तुलना में कम युद्ध की वजह बना था लेकिन कई बार कुंती ने ही पुत्रों को युद्ध के लिए बोला था. जबकि कुंती का प्रारंभ से ही यह दिल था कि इसके बच्चों को भी राज्य का कुछ हिस्सा जरुर मिले तो यह इच्छा बाद में युद्ध की वजह बनी थी.
4. सत्यवती
राजा शांतनु अगर सत्यवती को नहीं चाहते तो कुरू वंश का इतिहास कुछ और ही होता. यहाँ पर यह भी बोला जा सकता है कि महाभारत युद्ध की शुरूआती लड़ाई की वजह सत्यवती को माना जा सकता है. अगर सत्यवती की एंट्री नहीं होती तो भीष्म राजा बन सकते थे.
5. सुभद्रा
अर्जुन की पत्नी बनने से पहले सुभद्रा का विवाह कौरव वंश से होने वाला था लेकिन बाद में कृष्ण ने सुभद्रा का अपहरण अर्जुन के हाथों कराया था. कौरव इस वजह से भी अर्जुन से जलने लगे थे.
तो अब आप इन नामों को पढ़कर बोल सकते हो कि महाभारत के युद्ध में जितना हाथ पुरुषों का नहीं था, उससे ज्यादा हाथ स्त्रियों का था.