जब किसी महिला को पहली बार पता चलता है कि वह मां बनने वाली है तो उसकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहता लेकिन कई बार गर्भपात की वजह से उसकी खुशियों पर ग्रहण लग जाता है.
अब अगर किसी महिला का अचानक से या फिर किसी और कारण से गर्भपात हो जाए तो उसका दुखी होना स्वाभाविक है.
लेकिन भारत में कई ऐसी महिलाएं भी हैं जो खुद अपने गर्भपात के लिए जिम्मेदार होती हैं.
इतना ही नहीं कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो अपने घर परिवारवालों को बताए बगैर चोरी-छुपे अपना गर्भपात करा लेती हैं.
1 करोड़ महिलाएं कराती हैं गर्भपात
देश में एक ओर जिस तरह से आबादी बढ़ रही है तो वहीं दूसरी ओर गर्भपात करानेवाली महिलाओं का आंकडा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक देश में सालभर में करीब 1 करोड़ महिलाएं चोरी-छुपे गर्भपात कराती हैं.
इस देश में आज भी लाखों महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
अपनी इस जानकारी के अभाव में वो गर्भवती हो जाती हैं. इसके अलावा कई युवतियां अपनी जवानी में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठती हैं जिससे वो गर्भवती हो जाती हैं और आखिर में घर परिवार और समाज के डर से गुपचुप तरीके से अपना गर्भपात करा लेती हैं.
500 रुपये की गोली से गर्भपात
हालांकि गर्भपात के लिए कई महिलाएं 500 रुपये में मिलनेवाली ‘मिफेप्रिस्टोन‘ और ‘मिसोप्रोस्टोल‘ नामक गर्भपात की गोली को सबसे आसान और सस्ता जरिया मानती हैं. जबकि किसी निजी चिकित्सक के पास गर्भपात कराने के लिए पहले तो उनके कई सवालों का जवाब देना पड़ता है और उसके बाद गर्भपात के लिए मोटी रकम भी चुकानी पड़ती है.
एक शोध के मुताबिक गर्भपात के हर नए विकल्प से आधुनिक गर्भनिरोधक दर 8 से 12 फीसदी बढ़ेगी. देश में गर्भनिरोधक दर 52.4 फीसदी है इसका मतलब है कि आधे से ज्यादा भारतीय महिलाएं गर्भनिरोधक उपायों का उपयोग कर रही हैं जिससे यह दर और भी बढ़ सकता है.
क्या कन्या भ्रूणों का हो रहा है गर्भपात?
गर्भपात की दवाइयों की बिक्री के आधार पर दर्ज और अनुमानित गर्भपातों के बीच के अंतर से यह पता चलता है कि महिलाएं मुख्य रुप से कन्या भ्रूणों का गर्भपात करा रही हैं. साल 2011 के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में लिंग का अनुपात 1 हजार परुषों पर 940 महिलाएं ही थीं.
इन आंकड़ों से पता चलता है कि कई महिलाएं या तो परिवार के दबाव में या फिर लड़के को पाने की चाह में लड़कियों को दुनिया में आने से पहले ही मार देती हैं.
गौरतलब है कि आज भी देश की अधिकांश महिलाएं गर्भपात की गोलियों को ही सर्जिकल गर्भपात की तुलना में आसान और गोपनीय जरिया मानती हैं.
ये है गर्भपात की गोली जो महिलाएं लेती है – इसलिए ज्यादातर महिलाएं गर्भपात के लिए किसी डॉक्टर की सलाह लेने के बजाय 500 रुपये वाली गर्भपात की गोली खरीद कर घर लाती हैं और चोरी-चोरी अपना गर्भपात खुद कर लेती हैं जो उनकी जान के लिए घातक भी साबित हो सकती है.