पश्चिम एशियाई देश सीरिया में इस समय हालात बेहद डराने वाले हैं.
वहां सरकार और विद्रोहियों के बीच चल रहे युद्ध में औरतों और बच्चों को जो सहना पड़ रहा है उसको सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी.
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना अलेप्पो शहर में महिलाओं के साथ बहुत बर्बरता से पेश आ रही है. राष्ट्रपति असद के विरोधियों का दावा है कि सरकारी सेना विद्रोहियों को दबाने के लिए हर अमानवीय हथकंडा अपना रही है.
सैनिकों के हाथो रेप से बचने के लिए महिलाएं आत्महत्या तक कर रही है. खबर है कि अभी तक 20 महिलाओं ने सीरियाई सेना द्वारा बलात्कार से बचने के लिए आत्महत्या कर चुकी है.
आपको बता दें मध्यकाल में भारत में जिस प्रकार महिलाएं मुगल सैनिकों के हाथों अपमानित होने से बचने के लिए अपने पति के साथ सती हो जाती थी अथवा महिलाएं मुस्लिम सैनिकों से बचने के लिए एक साथ झुंड में पहुंचकर अग्निकुंड में कूदकर अपनी जान दे देती थी. ठीक ऐसी ही खबर सीरिया से आ रही है कि वहां महिलाएं विजेता असद के सैनिकों के हाथों से बचने के लिए अपनी जान दे रही हैं.
जैसे-जैसे सीरियाई फौज पूर्वी अलेप्पो की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस इलाके में रहने वाले नागरिकों की मुसीबतें बढ़ रही हैं. आरोप है कि राष्ट्रपति के सैनिक उनके विद्रोहियों को सबक सिखाने के लिए उनके परिजनों को कठोर यातनाएं दे रहे हैं. बता दें कि कुछ दिन पहले ही एक सीरियाई नर्स ने सूइसाइड नोट में लिखा था कि वह इसलिए आत्महत्या करने जा रही है क्योंकि सेना जानवर से भी बदतर सलूक कर रही है
विद्रोही गुट के अब्दुल्लाह ओथमान के मुताबिक 20 महिलाओं ने रेप से बचने के लिए आत्महत्या कर ली. यही नहीं, जो लोग असद के विरोधी हैं उन पुरुषों महिलाओं और बच्चों को आग के हवाले कर दिया जा रहा है. सीरिया के पूर्वी अलेप्पो शहर पर वर्ष 2012 से विद्रोहियों का कब्जा है. कुछ समय पहले राष्ट्रपति असद के विरोधियों ने उनका तख्तापलटने की कोशिश की थी. असद ने रूस की मदद से अपनी सत्ता बचाने में सफल रहे. लेकिन इसके बाद उन्होंने रूस के सहयोग से विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में जोरदार अभियान चलाया हुआ है.
गौरतलब है कि असद विद्रोही मांग कर रहे हैं कि राष्ट्रपति बशर अल-असद सत्ता छोड़े और वहां पर तानाशाही समाप्त कर चुनाव कराए जाएं. लेकिन राष्ट्रपति असद का कहना है कि सीरिया में सत्ता परिवर्तन के लिए चुनाव की बात उस समय तक नहीं हो सकती जब तक उनके देश के एक हिस्से पर आतंकवादी संगठन आईएस का कब्जा है.
इस संघर्ष में 2.7 लाख लोग मारे जा चुके हैं और देश की लगभग आधी आबादी अपने घरों को छोड़कर जाने पर विवश हुई है.
सीरिया में 5 साल से चले आ रहे गृहयुद्ध को खत्म करने को लेकर सीरियाई विपक्ष और पश्चिमी देशों का कहना है कि राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता छोड़नी होगी. जबकि रूस का कहना है कि सीरिया में शांति लाने के लिए विद्रोहियों और पश्चिमी देशों राष्ट्रपति असद को हटाए जाने की मांग को छोड़नी होगी.
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