हिंदू राष्ट्र – कुछ समय से देश में गौ रक्षा का मुद्दा गरमाया हुआ है और योगी जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद तो सरकार भी इस मामले को लेकर पूरी तरह से मैदान में उतार आई है। कुछ लोग सड़कों पर उतरकर गौ हत्या के नाम पर किसी को भी मार देते हैं तो वहीं कुछ लोग मंच से मार काट की भावनाएं भरते हैं।
फिलहाल इस लिस्ट में एक नया नाम जुड़ गया है और वो है साध्वी सरस्वती का।
18 साल की उम्र में ही साध्वी सरस्वती भागवत कथा करती हैं। गोवा में हुए ऑल हिंदू कन्वेंशन में इनॉग्रेशन पर साध्वी ने कहा कि जो लोग स्टेटस सिंबल के लिए गोमांस खाते हैं उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए। हिंदुओं को लव जिहाद से निपटने के लिए अपने घरों में हथियार रखने चाहिए।
महिलाओं में साध्वी सरस्वती अकेली ऐसी नहीं हैं जो इस तरह के भड़काऊ भाषण देती हों। उनके अलावा साध्वी प्रज्ञा, साध्वी प्राची, कमल दीदी जैसी और भी हैं जो लगातार किसी ना किसी तरह से ऐसे बयान देती रहती हैं जो लोगों को भड़काने का काम करते हैं।
ये रिलीजियस महिला लीडर्स भारत को बार-बार हिंदू राष्ट्र बनने के लिए उकसा रही हैं। इसकी वजह से जेंडर इक्वैलिटी, शिक्षा, एजुकेशन, हैल्थकेयर जैसी चीज़ें कहीं बहुत पीछे छूट गई हैं। देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश का हिंसक का रूप इनके चेहरे पर भी आप साफ देख सकते हैं।
हिंदू राष्ट्र की हिमायत करने वाली ये महिलाएं उन वास्तविक समस्याओं पर बात नहीं करती हैं जिन समस्याओं से देश की महिलाएं सालों से जूझ रही हैं। बल्कि इन्हें तो महिलाओं से ज्यादा गायों की परवाह है। गौ रक्षा की बात करना भी गलत नहीं है कि लेकिन इनका तरीका देखकर आपका खुद हैरान रह जाएंगें।
इस तरह के भड़काऊ भाषण, वो भी औरतें के मुंह से सुनते हैं तो हम ये सोचने पर मजबूत हो जाते हैं कि आखिर हमारा प्यारा भारत किस तरफ जा रहा है। क्या हम भी दूसरे आंतकी देशों की तरह हिंसा और नफरत की ओर बढ़ रहे हैं।
महिला साध्वियों के ये भाषण हिंसा को बढ़ावा देते हैं लेकिन फिर भी इन्हें बंद नहीं किया जा रहा है। भगवा कपड़ों में लिपटी तथाकथित धार्मिक लीडर्स के लिए महिलाओं की वास्तविक समस्याओं को उठाने के बजाय धार्मिक मुद्दों या हिंदुत्व के मुददे को उठाकर मशहूर हो जाना आसान है, शायद इसीलिए ये लोग ऐसा कर रहे हैं।
आजकल हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले हिंसा करने के लिए भड़काने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। ये लोग अपने भाषण में लोगों को उकसाने का काम करते हैं और बीफ के नाम पर दंगा करवाना तो जैसे इन्हें बहुत ही ज्यादा पसंद है।
अगर देश की कमान इन महिला साध्वियों के हाथ में दे दी जाए तो भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता है, अब रास्ता हिंसा का होगा या अहिंसा को तो आप खुद ही सोच सकते हैं
राष्ट्र के संरक्षकों को ये जरूर समझना चाहिए कि नफरत फैलाने वाली ये शख्सियतें भारत की औरतों की नुमाइंदगी नहीं कर सकती बल्कि इससे देश में सांप्रदायिक हिंसा फैल रही है।