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महिला पुलिस: लड़कियों के लिए पुलिस की नौकरी मुसीबत या जन्नत?

भारत में महिला पुलिस की संख्या कुल पुलिस फ़ोर्स की 6% यानि करीब 1,05,000 है!

कई देशों के मुक़ाबले ये काफ़ी है लेकिन और भी कई पश्चमी देशों के मुक़ाबले अभी रास्ता बहुत लम्बा है! सरकार भी ये बात मानती है कि पुलिस की नौकरी में और भी महिलाओं का भर्ती होना आवश्यक है!

लेकिन ज़रुरत एक तरफ़ है, काम करने के हालात और लड़कियों की ज़रुरत के अनुसार स्थिति क्या है, ये जानना ज़रूरी है|

आईये देखें कि क्या हैं इस नौकरी के फ़ायदे और नुक्सान:

फ़ायदे

1) सबसे पहला फ़ायदा है ऐसी नौकरी में कोई उन्हें बेबस और कमज़ोर नहीं समझेगा!

2) सिर्फ़ खुद के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरी औरतों के लिए भी लड़ सकती हैं, उन्हें इंसाफ़ दिल सकती हैं!

3) लड़कियों के पुलिस में होने की वजह से दूसरी औरतों का साहस बढ़ता है और वो उनके साथ हुए अपराध को दर्ज करवाने आगे आती हैं| इस वजह से अपराधियों में क़ानून का एक डर पैदा होता है और समाज में अपराध कम होने की संभावना बढ़ जाती है!

4) इज़्ज़त तो बढ़ती ही है, समाज और देश में एक सकारात्मक बदलाव लाने का मौका भी मिलता है| उदहारण के तौर पर हम सब किरण बेदी जी को जानते ही हैं जिनकी साहस की कहानियाँ आने वाली नस्लों के लिए प्रेरणादायक रहेंगी!

नुक्सान

1) अगर परिवार का साथ ना रहा तो पुलिस की नौकरी के बाद घर का काम भी सम्भालना क़रीब-क़रीब नामुमकिन सा होता है!

2) जो महिलाएँ माँ भी हैं, उनके लिए अपने बच्चों से कई-कई घंटों तक और किसी-किसी वक़्त कई दिनों तक दूर रह पाना मुश्किल हो जाता है!

3) करियर में आगे बढ़ने के रास्ते अभी कम हैं क्योंकि 90% महिला पुलिस कर्मी केवल कांस्टेबल की ही पोस्ट पर रहती हैं| ना तो उन्हें पुरुष कर्मियों जैसे फ़ील्ड में काम करने का मौका मिलता है और ना ही प्रमोशन पाने का|

इन सभी फ़ायदों और नुकसानों के बारे में जानने के बावजूद यह कह पाना ठीक नहीं होगा कि महिलाओं के लिए पुलिस की नौकरी कोई सज़ा है| माना कि दिक्कतें हैं लेकिन वो कहाँ नहीं होतीं? समाज बदल रहा है और सोच को बदलने में वक़्त लगता है| हमारे देश में भी मुहीम तेज़ हो रही है जहाँ औरतों को पुलिस में एक इज़्ज़त और मर्दों से बराबरी वाली नौकरी दिलवाने के लिए आवाज़ उठाई जा रही है! इस में वक़्त ज़रूर लगेगा मगर ये नामुमकिन काम नहीं है!

ज़रुरत है महिलाओं को पुलिस में दाखिल होने की क्योंकि वो जिस तरह की योग्यता और गुण लेकर आएँगी, उस से हमारी पुलिस फ़ोर्स बेहतर ही होगी, ख़राब या कमज़ोर नहीं!

Nitish Bakshi

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Nitish Bakshi

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