बॉलीवुड में ज्यादातर पुरुष प्रधान फ़िल्मों का दबदबा रहा है.
यहां तक कि बॉलीवुड के मेल स्टार्स का मेहनताना भी फ़ीमेल स्टार्स से ज्यादा रहता है.
बहुत ही कम फ़िल्ममेकर्स है जो महिलाप्रधान फ़िल्में बनाने का जोखिम उठाना चाहते है, लेकिन कई ऐसी फ़िल्में है जो कि महिलाप्रधान होने के बावजूद ना सिर्फ क्रिटिक्स को पसंद आई है बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी इन्होंने अच्छा परफार्म किया हैं.
आईए देखते है ऐसी महिलाप्रधान फ़िल्में जो रही है मुनाफे का सौदा
क्या कहना-
इस फ़िल्म में प्रीटी जिंटा ने एक ऐसी कॉलेज स्टूडेंट का रोल किया था जो कि शादी से पहले ही प्रेंगनेंट हो जाती है लेकिन समाज के ताने सहने के बावजूद बिनब्याही मां बनने का फ़ैसला लेती है. ये फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर भी सक्सेसफूल रही. इस फ़िल्म में प्रीटी जिंटा चुलबुली और संजीदा दोनों किस्म के रोल में नज़र आई थी.
ब्लैक-
संजय लीला भंसाली की इस फ़िल्म में रानी मुखर्जी ने हेलन केलर से प्रेरित किरदार निभाया था जो कि अंधी, गूंगी और बहरी थी जिसके बावजूद उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की. इस फ़िल्म में रानी नजर आई बिल्कुल नॉन ग्लैमरस लुक में. इस फ़िल्म के लिए उन्हें ढ़ेर सारे अवार्ड्स भी मिले थे. इस फ़िल्म में अमिताभ बच्चन ने भी काम किया था. काफी सेंसिटीव टॉपिक पर बनने के बावजूद ये फ़िल्म काफी पसंद की गई.
चांदनी बार-
इस फ़िल्म में एक सेक्स वर्कर और उसके संघर्ष को दिखाया गया था कि कैसे एक औरत को अपना घर बार चलाने के सेक्स वर्कर के तौर पर काम करना पड़ता है. मधुर भंडार की ये स्मॉल बजट फ़िल्म आडियंस को काफी पसंद आई थी. तब्बू को इस फ़िल्म के लिए उन्हे नेशनल अवार्ड भी मिला था.
फ़ैशन –
इस फ़िल्म में फ़ैशन इंडस्ट्री के अच्छे और बुरे पहलुओं पर प्रकाश डाला गया था. प्रियंका चोपड़ा ने एक ऐसी मॉडल का किरदार किया था जो कि तेजी से बुलंदियों को छू जाती है लेकिन जल्दी ही उनका सामना फ़ैशन की दुनिया की कड़वी सच्चाई से होता है. एक महिलाप्रधान फ़िल्म होने के बावजूद इस फ़िल्म में मनोरंजन के सारे तत्व मौजूद थे. इस फ़िल्म में कुछ रियल घटानाओं से भी प्रेरणा ली गई थी. इस फ़िल्म के लिए प्रियंका चोपड़ा को नेशनल अवार्ड भी मिला था.
क्वीन-
इस फ़िल्म में कंगना ने ऐसी लड़की का किरदार निभाया था जिसमें आत्मविश्वास की कमी होती है और शादी के एक दिन पहले उनका मंगेतर उसे छोड़कर चला जाता है. ऐसे में वो किस तरह इस परिस्थिती से जूझती है इस बात को दिखाया गया है. कंगना को नेशनल अवार्ड भी मिला था.
इंग्लिश विंग्लिश-
इस फ़िल्म में श्रीदेवी ने एक ऐसी हाउसवाईफ़ का रोल किया था जो अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच अपनी टूटी फूटी इंग्लिश को अपनी कमजोरी ना मानते हुए अंग्रेजी सीखने की कोशिश करती है और कामयाब भी होती है.
कहानी-
इस फ़िल्म के लिए विद्या बालन को मिला था नेशनल अवार्ड. विद्या ने एक ऐसी एन आर आई महिला का रोल किया था जो अपने पति के कातिलों की तलाश करने भारत आती है . वो अकेले ही इस मिशन पर निकल पड़ती है.
द डर्टी पिक्चर –
इस फ़िल्म में विद्या बालन ने साउथ स्टार सिल्क स्मिता से इंस्पायर्ड रोल किया था. सिल्क स्मिता एक ऐसी स्टार थी जिन्होंने अपनी सेंसुअस अदाओं के बलबूते पर फि़ल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी लेकिन फ़िल्म का एंड उनकी आत्महत्या के साथ होता है. इस फ़िल्म के लिए विद्या बालन ने खासतौर पर अपना वजन बढ़ाया था साथ ही जमकर एक्सपोज भी किया था. इस फ़िल्म के लिए विद्या को नेशनल अवार्ड मिला था.
मैरी कॉम-
प्रियंका चोपड़ा ने मैरी कॉम से इंस्पायर रोल किया था. इसमें उन्होंने ऐसी लेडी बॉक्सर का रोल किया था जो शादी के बाद भी सक्सेस की बुलंदियों को छूती हैं.
पीकू-
इस फ़िल्म में दीपिका पादूकोण ने एक वर्किंग वुमन का रोल किया था जो अपने पिता की सेवा करने के लिए अपनी शादी भी दांव पर लगा देती है.
तो ये थी वो फ़िल्में जिन्होंने पुरुष प्रधान फ़िल्मों के बीच अपनी खास जगह बनाई है.
मतलब साफ है कि अगर फ़िल्म की स्टोरी दमदार हो तो फ़िल्म चाहे महिला प्रधान ही क्यों ना हो उसे हिट होने से कोई नहीं रोक सकता है.
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