विदेश

औरतें रखती है एक से अधिक पुरुष साथी, मुंह छुपा कर रहते है पुरुष, इस्लामिक कट्टरपंथियों के मुंह पर तमाचा!

आज इराक से लेकर सीरिया, नाइजीरिया से लेकर अरब देश यहाँ तक की भारत और पश्चिमी देशों में भी मुस्लिम महिलाओं के हालात ज्यादा अच्छे नहीं है.

खासकर कि उन सब देशों में जहाँ इस्लामिक कट्टरपंथी अधिक संख्या में है या फिर जिन देशों में ISIS का ज्यादा असर है.

वैसे भी मुस्लिम महिलाओं को अधिकार ना के बराबर होता है. जहाँ पुरुष को एक से ज्यादा निकाह करने की आज़ादी है वहीँ महिला का भविष्य सिर्फ तीन बार तलाक तलाक तलाक कहने पर टिका होता है.

कुछ देशों में तो हालत ऐसे है कि महिलाओं को सिर्फ बच्चे पैदा करने का साधन माना जाता है और उनके साथ जानवरों से भी बुरा बर्ताव किया जाता है.

मुस्लिम महिला का संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता, निर्णय लेने की आज़ादी नहीं होती. यहाँ तक कि कुछ देशों में तो हालत इतनी ब्यवह है कि यदि किसी महिला के साथ बलात्कार या इसी प्रकार का कोई शारीरिक शोषण होता है तो सजा भी उस बेचारी महिला को ही मिलती है.

ऐसे में अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में रहने वाली एक आदिवासी जाति इन सब धार्मिक कट्टरपंथियों के मुंह पर एक तमाचा है.

ये जनजाति अफ्रीका के सबसे पुराने निवासियों में से एक है. आज भी ये अपने ज़माने के रीति रिवाज़ और जीवन शैली को अपनाए हुए है. सुनकर शायद यकीन  ना आये लेकिन इस जाति की जीवन शैली आज के ज़माने के बहुत से आधुनिक देशों से भी आगे है.

इस जनजाति में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ना सिर्फ ज्यादा अधिकार प्राप्त है अपितु हर बात का निर्णय भी महिलाएं ही लेती है.

इस महिला प्रधान जाति में महिलाओं को एक से ज्यादा परुषों के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने की आज़ादी है. वो अपनी इच्छा से किसी के साथ भी सम्बन्ध बना सकती है.

विवाह से पहले और विवाह के बाद भी सम्पत्ति की हकदार महिला ही होती है और यदि तलाक होता है तो भी सारी संपत्ति की हक़दार महिलाएं ही होती है.

इस जाति के बारे जो सबसे कमाल बात है वो ये है कि महिलाओं को ये भी अधिकार होता है कि यदि वो चाहे तो मर्द को अपने बराबर बैठकर खाने से मना कर सकती है यही नहीं मर्द को महिलाओं के बीच आने के लिए भी इज़ाज़त मांगनी पड़ती है. समय के साथ इस जाति ने इस्लाम को अपना लिया है लेकिन इस्लाम मानने के बाद भी ये जाति शरिया कानून या बेवकूफी भरे महिला विरोधी नियमों को नहीं मानती.

महिलाओं का सम्मान ना करने वाले और उन्हें सिर्फ भोगी वस्तु समझने वाले कट्टरपंथियों के मुंह पर सबसे बड़ा तमाचा ये है कि इस जाति में महिलाओं को चेहरा और सर ढकने की जबरदस्ती नहीं है लेकिन हाँ पुरुषों को चेहरा और सर ढकना अनिवार्य है.

देखा आपने शिक्षा और आधुनिक सभ्यता से दूर रहकर भी ये जाति कितनी प्रगतिशील है.

इससे पता चलता है कि शुरुआत में दुनिया के हर कोने में महिलाओं को ज्यादा शक्ति और सम्मान प्राप्त था, धीरे धीरे एक सोची समझी चाल से महिलाओं को अबला बनाया गया और उन्हें आश्रित बनने पर मजबूर किया.

सहारा की ये जनजाति और इसकी महिलाएं साधनों से संपन्न भले ही ना हो या फिर इनके पास बड़ी बड़ी डिग्री ना हो फिर भी ये उन सभी औरतों से आधुनिक और प्रगतिशील है जो सब सुविधाओं से सम्पन्न होने के बाद भी खुद को अबला और आश्रिता समझती है.

नैतिकता के ठेकेदारों, मज़हबी कट्टरपंथियों के गाल पर करारा तमाचा और दुनिया भर की औरतों के लिए उदहारण है ये अफ्रीका की जनजाति.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

Share
Published by
Yogesh Pareek

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago