हमारे देश में एक समय ऐसा भी था जब लड़कियां और महिलाएं अपनी पवित्रता को बचाने के लिए अपनी जान तक न्यौछावर करने को तैयार रहती थीं.
पहले महिलाओं की वर्जिनिटी को पवित्रता से जोड़कर देखा जाता था. अधिकांश लड़कियां खुद शादी से पहले तक वर्जिन रहने की बात को काफी अहमियत देती थीं और शादी के बाद सिर्फ अपने पति के साथ ही वो शारीरिक संबंध जोड़ती थी.
लेकिन बदलते वक्त के साथ-साथ महिलाओं की सोच में भी काफी बदलाव आ चुका है. जिन महिलाओं के लिए वर्जिनिटी पवित्रता का संकेत होती थी आज उन्हीं महिलाओं के लिए उनकी वर्जिनिटी बोझ लगने लगी है.
आखिर बदलते समय के साथ ऐसा क्या बदल गया है कि महिलाओं को अपनी वर्जिनिटी बोझ जैसी लगने लगी है और वो खुद अपनी वर्जिनिटी को खो रही हैं.
क्या वर्जिनिटी खोकर मिटती है बोरियत ?
पहले जहां शारीरिक संबंध बनाने के पीछे प्यार की भावना छुपी होती थी वहीं आज ज्यादातर महिलाएं सिर्फ अपनी बोरियत मिटाने के लिए शारीरिक संबंध स्थापित करती हैं.
ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि मनोवैज्ञानिक डेविस बुस और सिंडी मेस्टन की एक रिसर्च में खुलासा हुआ है.
इस रिसर्च के मुताबिक महिलाओं में यौन उत्तेजना के कारणों में प्यार कोई वजह नहीं है.
इस रिसर्च में शामिल करीब 50 फीसदी महिलाओं ने यह माना कि उन्होंने शारीरिक संबंध इसलिए बनाए क्योंकि उन्हें ऐसा करने की तलब लगी थी.
जबकि दो लड़कियों ने यह माना कि उनके कुछ ऐसे दोस्त थे जिनके साथ वो संबंध बना लेती थीं क्योंकि इस रिश्ते में किसी किस्म का बोझ और रिस्क नहीं था.
वर्जिनिटी खोकर होती हैं स्ट्रेस फ्री
बोरियत मिटाने के अलावा महिलाएं स्ट्रेस फ्री होने के लिए भी सेक्स को ही बेहतर जरिया मानती हैं. अपने तनाव को भगाने के लिए महिलाएं अपने पार्टनर के अलावा किसी गैर मर्द से संबंध बनाने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाती हैं.
इस रिसर्च के मुताबिक जो महिलाएं तनाव से जूझ रही हैं वो इसके लिए सेक्स का सहारा लेती हैं. इससे उनका बोझिल दिन एकदम से तरोताजा हो जाता है और उन्हें अच्छी नींद भी आती हैं.
अब तो आलम यह है कि अपने तनाव और बोरियत को दूर भगाने के लिए महिलाएं अपने आस-पास मौजूद ऑप्शन से भी काम चला लेती हैं. लेकिन ये कितनी हैरत की बात है कि वर्जिनिटी जिन महिलाओं का गहना हुआ करता था आज महिलाएं बगैर कुछ सोचे समझे इसे नीलाम कर रही हैं.