सामाजिक परिवर्तन

सिर्फ 24 प्रतिशत महिलाएं चाहती हैं दूसरा बच्चा, जानिए क्‍या है वजह

दूसरा बच्चा – आजकल महिलाओं और पुरुषों में कोई भेद नहीं रहा है।

अब महिलाएं भी पुरुषों की तरह आत्‍मनिर्भर और शिक्षित हो गई हैं। इसी वजह से अब महिलाएं अपने जीवन के अहम फैसले खुद लेने लगी हैं और दूसरों से कम ही सलाह लेती हैं।

देखा जाए तो अब भारत में एकल परिवार का चलन बढ़ गया है। इस बार में हम एकल परिवार से एक ही बच्‍चे की बात कर रहे हैं। जी हां, जहां एक समय पर भारतीय परिवारों में महिलाओं के चार-पांच से भी ज्‍यादा बच्‍चे हुआ करते थे वहीं अब महिलाओं को सिर्फ एक ही बच्‍चा पसंद है।

24 प्रतिशत महिलाओं को चाहिए दूसरा बच्‍चा

हाल ही में हुए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत में बस 24 प्रतिशत विवाहित महिलाओं को दूसरा बच्चा करना पसंद है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो इसमें 10 साल में 68 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई।

य‍ूनियन हैल्‍थ मिनिस्‍ट्री के नेशनल फैमिली हैल्‍थ सर्वे द्वारा इस बात का खुलासा किया गया है। 15 से 49 साल के बीच की विवाहित महिलाओं पर किए गए इस सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि सिर्फ 24 प्रतिशत महिलाएं ही दूसरा बच्चा चाहती हैं। वहीं पुरुषों में यह संख्‍या 27 प्रतिशत थी।

क्‍या है कारण महिला को दूसरा बच्चा चाहिए

एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि इसका कारण महिलाओं का बेहतर करियर, जीवन का उच्‍च स्‍तर और देरी से मां बनना है। वहीं शहर में रहने वाले कपल्‍स 30 के बाद या 40 की शुरुआती उम्र में पहले बच्‍चे के लिए डॉक्‍टर के पास जाते हैं।

गायनेकोलॉजिस्‍ट की मानें तो ज्‍यादातर शादीशुदा कपल्‍स शादी के कुछ सालों बाद बच्‍चे की प्‍लानिंग करते हैं क्‍योंकि इतने वो अपने करियर बनाते हैं और उनकी शादी भी देर से हुई होती है। वहीं कुछ जोड़े एक ही बच्‍चे से खुश हैं।

2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 54 प्रतिशत महिलाओं के दो बच्‍चे थे और 25 से 29 साल के बीच की 16 प्रतिशत महिलाओं के एक भी बच्‍चे नहीं थे। पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अपने एक बयान में कहा है कि रोज़ बदलती जीवनशैली को देखते हुए लोगों में बच्‍चों को अच्‍छी पढ़ाई, अच्‍छे कपड़े, गैजेट्स और सभी तरह की लग्‍जरी देने के लिए वो दूसरा बच्‍चा करने की सोचते ही नहीं है।

जिम्‍मेदारी से है बचना

आजकल पढ़े-लिखे कपल्‍स को लगता है कि वो एक ही बच्‍चे को बेहतर लाइफ और एजुकेशन दे दें वही काफी है। दो बच्‍चे करने पर खर्चा भी बढ़ जाता है और जिम्‍मेदारी और आजकल लोग जिम्‍मेदारी से ही बचना चाहते हैं। वैसे भी अब महिलाएं भी ऑफिस जाती हैं और अब ऐसे में दो बच्‍चों की जिम्‍मेदारी लेना उनके लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए भी अब कपल्‍स एक ही बच्‍चा करने की सोचते हैं।

अब पॉल्‍यूशन और खाने-पीने की चीज़ें इतनी ज्‍यादा खराब आने लग गई हैं कि अब महिलाओं का शरीर उतना स्‍ट्रॉन्‍ग ही नहीं रहा है कि वो पहले की महिलाओं की तरह 2-3 बच्‍चे पैदा कर सकें। सेहत को ध्‍यान में रखकर भी कपल्‍स एक ही बच्‍चे को अहमियत दे रहे हैं।

दूसरे बच्‍चे को जन्‍म देने की जगह आप किसी अनाथ बच्‍चे को गोद लेकर उसका भविष्‍य भी संवार सकते हैं।

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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