आईएएस ऑफिसर का यौन शोषण – अब लगता है कि महिलाओं के लिए कोई जॉब सेफ नहीं है।
जब एक आईएएस ऑफिसर का यौन शोषण हो सकता है तो कौन सी जॉब अब सेफ होगी? क्योंकि आईएएस के लाइन में लड़कियां यही उद्देश्य लेकर जाती हैं कि वे समाज में महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगी। लेकिन जब इस जॉब में उन्हें खुद के लिए ही आवाज उठाने की जरूरत होगी तो फिर कौन सी जॉब महिलाओं के लिए सेफ होगी?
ये सवाल तो उठेगा ही जब खुलेआम महिला आईएएस ऑफिसर का यौन शोषण होता है – अपने से वरिष्ठ अधिकारी पर यौन शोषण का इल्जाम लगाएगी।
आईएएस ऑफिसर का यौन शोषण –
यह है मामला
यह मामला पंचकूला में तैनात पशुपालन विभाग के दो आईएएस अधिकारियों की है। माना जा रहा है कि यह इनकी आपसी की लड़ाई है जो अब खुलकर सबके सामने आ गई है। जूनियर महिला आईएएस अधिकारी ने अपने सीनियर एसीएस स्तर के अधिकारी सुनील गुलाटी पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। मामले में पशुपालन मंत्री ओपी धनखड़ ने कहा कि वे आरोपों की जांच मुख्य सचिव से कराएंगे।
तब तक के लिए सचिव ने महिला अधिकारी की सुरक्षा का भी आश्वासन दिया है।
लग चुके हैं इस अधिकारी पर पहले भी आरोप
इस अधिकारी पर पहले भी यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर इससे पहले भी दो आईएफएस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। वहीं आरोप लगाने वाली महिला अधिकारी का भी अब तक का कार्यकाल विवादों से भरा रहा है। सबसे हैरानी की बात यह है कि महिला आईएएस ने यौन उत्पीड़न के सारे आरोपों का खुलासा अपने फेसबुक वॉल पर किया।
फेसबुक पर किए हैं दो पोस्ट
इस महिला आईएएस अफसर ने फेसबुक पर तीन अलग-अलग पोस्ट किए हैं। एक पोस्ट में उन्होंने नये यौन उत्पीड़न के मामले के बारे में लिखा है बल्कि अन्य दो पोस्ट में पुराने मामले और रेवाड़ी के कोसली में मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज बयान और सौंपे गए पेपर की बातचीत को उठाया है।
इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति से ऑनलाइन शिकायत की है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर सरकार के उच्च अधिकारियों से भी न्याय की अपील की है।
लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की बात कही
इन आरोपों को निराधार झूठ बताते हुए सीनियर आईएएस अफसर ने लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की बात कही है। उनका कहना है कि महिला अफसर ने जो आरोप लगाए हैं, वे निराधार हैं। अपने स्टाफ को ट्रनिंग देना मेरी ड्यूटी है।
मुझे पता चला था कि उन्हें कुछ समस्या आ रही है तो मैंने स्टाफ से उनका ध्यान रखने को कहा था, लेकिन महिला अफसर ने स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार किया। ये उनके ऊपर है कि वे काम सीखना चाहती हैं या नहीं। अगर उन्हें समस्या आ रही हैं तो वे अपना ट्रांसफर करा सकती हैं या सरकार से न्याय मांग सकती हैं। मैं जांच और लाई डिटेक्शन टेस्ट, दोनों के लिए तैयार हूं। मामला क्लीयर होना चाहिए।
सीसीटीवी की जांच हो
महिला अधिकारी ने सीसीटीवी की जांच करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी के कार्यालय के कमरे के सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग की जांच होनी चाहिए। उन्हें उपयुक्त सुरक्षा प्रदान की जाए और दोषियों के विरुद्घ नियमानुसार कार्रवाई हो। उन्हें अत्याचार एवं शोषण को चुपचाप सहते रहने के लिए लगातार मजबूर किया जा रहा है।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान, मांगा जाएगा जवाब
महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सुमन ने इस बारे में संबंधित कार्यालय से जवाब मांगा है। उन्हें इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया व मीडिया से पता चली थी। आयोग इस मामले का खुद संज्ञान लेगा।
2014 बैच की हैं अफसर
महिला आईएएस हरियाणा कैडर की वर्ष 2014 बैच की अफसर हैं। उनका कहना है कि वे घबरा गई थीं इसलिए मामला सार्वजनिक किया।
अब देखना है कि आगे क्या होता है। तब तक के लिए हर किसी की इस मामले पर नजर होगी। क्योंकि ये एक प्रतिष्ठा वाली जॉब है जिसका सपना हर लड़की ही नहीं बल्कि लड़की के मां-पिताजी भी देखते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी लड़की का भविष्य सुधर जाएगा और उसकी सेक्युरिटी की भी कोई चिंता नहीं होगी।
लेकिन इस तरह से प्रशासनिक स्तर पर आईएएस ऑफिसर का यौन शोषण की घटना पूरे प्रशासन पर उंगुली उठाता है जो देश के साथ समाज के लिए भी अच्छा नहीं है। इस कारण से इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
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