ऐसा माना जाता है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पूजा-पाठ और प्रार्थनाएं करती है।
हालाँकि ये सही भी है क्योंकि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा आस्तिक होती है और अक्सर मंदिरों में सबसे ज्यादा संख्या में महिलाएं ही देखी जाती है जिससे ये बात सही भी होती है।
लेकिन एक शोध में इस बात को साबित भी कर दिया गया है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा पूजा-पाठ करती है।
दरअसल हाल ही में एक शोध किया गया है जिसमें दावा किया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं भगवान में ज्यादा श्रृद्धा रखती है और हर व्रत और त्यौहार से उनका और भी ज्यादा जुड़ाव भगवान से बनता जाता है।
आपको बता दें कि ये रिसर्च पिछले दिनों ‘किंग्स कॉलेज लन्दन’ में की गई थी, जिसकी रिपोर्ट जनरल बुक ‘प्लस वन’ में प्रकाशित भी हुई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं ज्यादा भावनात्मक होती है और यही वजह है कि वो किसी भी घटना से ज्यादा प्रभावित हो जाती है। इतना ही नहीं तनाव पैदा करने वाली घटनाओं को देखकर महिलाएं बहुत ज्यादा विचलित हो उठती है और अपने प्रियजनों को किसी अनहोनी घटना से बचाने के लिए वे आस्था का सहारा लेती है।
इस रिपोर्ट में आगे बताया गया कि ईश्वर में इतनी ज्यादा श्रृद्धा रखने से उन्हें आत्मबल और सकारात्मकता मिलती है जो उनका तनाव कम करने में कारगर साबित होती है।
कहने का मतलब यही है कि तनाव से लड़ने के लिए सबका अपना तरीका होता है। अन्य लोग जहाँ तनाव से लड़ने और सकारात्मकता पाने के लिए दूसरे तरह सहारे अपनाते है, वहीं महिलाएं ईश्वर का सहारा लेती है।
इस तरह से महिलाएं पुरुषों से ज्यादा आस्तिक होती है – अक्सर मंदिरों में महिलाओं की भीड़ देखकर हैरान होने वाले लोगो को ये रिसर्च पढ़ने के बाद समझ आ जायेगा की महिलाएं अक्सर व्रत और पूजा-पाठ क्यों करती रहती है.