बाबाओं के आश्रम में – बाबा शब्द, एक वक्त पर ऐसे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता था जो भोग-विलास और दुनिया के बंधनों से दूर होकर, माया और मोह को तजकर अपनी ज़िंदगी व्यतीत करता है।
एक ऐसा इंसान जिसे ना तो पैसे का लोभ होता है और ना ही किसी अन्य चीज़ का लालच होता है, जो अध्यातम में कुछ इस तरह खो जाता है कि उसे किसी और चीज़ की परवाह नहीं होती।
ईश्वर की भक्ति और लोगों को कल्याण का मार्ग दिखाना ही ऐसे व्यक्ति का ध्येय होता है जिसे वो पूरी निष्ठा के साथ निभाता भी है।
लेकिन आज इन बाबाओं के जुड़ी जिस तरह की खबरें सामने आती हैं उन्हे पढ़कर तो बाबाओं से भरोसा ही उठता जा रहा है।
पिछले कुछ वक्त से ये ‘बाबा’ शीर्षक मानो एक अपशब्द जैसा हो गया है। इस नाम से जुड़े लोगों ने ही इसकी गरिमा को खत्म कर दिया है क्योंकि लंबे वक्त से ये नाम जब भी लाइम लाइट में आया है उसके पीछे की वजह अच्छी नहीं हुई है।
डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम हो आसाराम बापू हो या फिर निर्मल बाबा हो, इन सभी के नाम के साथ कई कांड जुड़े हैं। चाहे युवतियों के साथ गलत हरकत करना हो या फिर कुछ और, इन नाम जब भी ज़ेहन में आता है तो कोई पाक छवि नहीं बनती है। इस तरह की घटनाओं से प्रभावित होकर अब तो भारतीय अखाड़ा परिषद ने 14 बाबाओं को फर्जी मानते हुए उनकी लिस्ट तैयार की है।
आसाराम बापू उर्फ आशुमल शिरमलानी, सुखबिंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरि उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम सिंह, ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ओम नमः शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, आचार्य कुशमुनि, मलखान सिंह, वृहस्पति गिरी, ये उन बाबाओं के नाम हैं जिन्हे फर्जी घोषित किया गया है।
बाबाओं के आश्रम में लड़कियों के साथ दुष्कर्म होना भी अब तो आम सी बात हो गई है।
अगर बात राम रहीम की ही करें तो डेरे से जुड़े लोगों ने बताया कि लड़कियों को सिलेक्ट खुद बलात्कारी बाबा करता था लेकिन उन्हें बाबा की गुफा तक पहुंचाने का काम डेरे की कुछ खास महिलाएं करती थीं।
इसके अलावा गुरू जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहार, जिन्हें जगत गुरु की उपाधि मिली हुई उन पर बिलासपुर की एक युवती ने रेप का आरोप लगाया है।
आए दिन इस तरह की घटनाएं चौंका देने वाली हैं। आश्रम में युवतियों के साथ ऐसा होना और फिर उस पर धर्म का पर्दा डालकर उसे ढ़क देना बिल्कुल गलत है।
बाबाओं के आश्रम में लड़कियों के साथ दुष्कर्म के अलावा उनकी तस्करी का काम भी किया जाता है। इसके अलावा लड़कियों का मानसिक उत्पीड़न भी किया जाता है। आश्रम में कैद हुई लड़कियों को उनके परिवार से भी मिलने नहीं दिया जाता है और अगर कोई लड़की आश्रम के लोगों की बात ना माने तो उनके परिवार वालों को जान से मार देने की धमकी दी जाती है।
ऐसे आश्रमों को बैन कर देना चाहिए। इसी में स्त्री समाज की रक्षा है।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…