लड़कियों को पिरीयड के दिनों में कुछ दिनों की छुट्टी मिलनी चाहिए.
ऐसी आवाज अब विश्व के कई देशों में उठने लगी है. महिलायें अपने हक़ के लिए अब सड़कों पर भी आने लगी हैं. ऐसी ही कुछ आवाजें अब भारत में भी सुनने को आ रही हैं.
वैसे माहवारी के दिनों में दर्द के साथ सफ़र करना और ऑफिस जाना वाकई पीड़ादायक होता है.
विश्व के कई देश ऐसे हैं जहाँ पर माहवारी के दिनों में लड़कियों को 2 से 3 दिन की छुट्टियों का प्रावधान है. तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि किन देशों में महिलाओं और लड़कियों को पीरियड्स के दिनों में अवकाश दिया जाता है-
1. जापान
जापान में महिलाओं को उन दिनों में छुट्टी मिलती है. वैसे आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस देश में महिलाओं को सन 1947 से ही माहवारी के दिनों में छुट्टी मिलती है. जापान के अंदर सालों पहले ही आवाजें उठनी लगी थीं कि लड़कियों और महिलाओं को उन दिनों में अवकाश मिले. इसलिए जापान की संसद ने महिलाओं के अधिकारों के तहत यह कानून पारित किया था.
2. ताइवान
आपको पता होना चाहिए कि ताइवान के अंदर भी लड़कियों और महिलाओं को पिरीयड के दिनों में अवकाश का प्रावधान है. वैसे इस देश में कई निजी कम्पनियों ने यह प्रावधान भी किया है कि पीरियड के दिनों में वह घर से भी काम कर सकती हैं.
3. चीन
चीन के अंदर भी यह कानून बनाया गया है कि महिलाओं को माहवारी के दिनों में अवकाश दिया जाए. वैसे चीन के अंदर इस कानून को बनवाने के लिए यहाँ की महिलाओं ने बड़े स्तर पर आन्दोलन किया था. यहाँ कानून है कि डॉक्टर द्वारा सर्टिफिकेट देने पर कि हाँ महिला के पीरियड चल रहे हैं तभी यहाँ दो से तीन दिन का अवकाश दे दिया जाता है.
4. इंडोनेशिया
इंडोनेशिया के अंदर भी यह कानून बनाया जा चुका है कि कम्पनियों को पीरियड्स के दिनों में औरतों से कम काम लेना होगा और अगर महिला को जरूरत है तो उसको छुट्टी भी देनी होगी. वैसे इस देश में अभी कुछ कम्पनियां इस कानून को मान नहीं रही हैं.
5. साउथ कोरिया
साउथ कोरिया के अंदर साल 2001 में यह कानून बना दिया गया था कि अगर किसी लड़की या महिला के वह दिन चल रहे हैं तो उसको अवकाश दिया जाये. यह कानून पारित होने के बाद से यहाँ रोजगार के अंदर महिलाओं की भागेदारी बढ़ती जा रही है.
6. इंग्लैंड की एक निजी कम्पनी
हाल ही में इंग्लैंड की एक निजी कम्पनी ने भी इसी तरह का कानून बनाया है कि महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में एक से दो दिन का अवकाश दिया जा सकता है और उसको बचा हुआ काम बाकी दिनों में थोड़ा अधिक काम करके पूरा करना पड़ेगा.
वैसे यह समस्या तो हर मुल्क की महिलाओं के साथ है.
पीरियड के दिनों में काम करना वाकई मुश्किल हो जाता है. दर्द से बेहाल लड़कियों को इन दिनों जिंदगी बोझ लगने लगती है. भारत के अंदर भी जल्द इस तरह की आवाजें ऊँचें स्तर पर उठने वाली हैं कि महिलाओं को उन दिनों में अवकाश का कानून बनाया जाए.
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