शादी के बंधन – आज सुबह जब मैं ऑफिस के लिए निकल रही थी, तो मैने मम्मी से कहा कि शाम को ऑफिस से ही मैं अपनी दोस्त प्रीति की शादी में जाउंगी और वो भी पापा के साथ वहीं आ जाएं।
मम्मी ने हां में सिर हिलाया और फिर भावुक होकर बोली, एक दिन तू भी शादी करके विदा हो जाएगी और मैने भी वही रटा रटाया जवाब दे दिया ”मुझे नहीं करनी शादी वादी, मैं कहीं नहीं जाउंगी आपको छोड़कर”
शादी के बंधन के लिए –
वैसै सिर्फ मैं ही नहीं, अक्सर सभी लड़कियां शादी की बात चलने पर यूं ही जवाब दिया करती हैं लेकिन कही ना कही वो लड़की और उसके पैरेंट्स दोनों ही इस बात को जानते हैं कि एक दिन सच में वो शादी के बंधन में बंध, अपने हमसफर का हाथ थाम, अपने पिया के घर चली जाएगी।
पर आज आलम कुछ बदल सा भी गया है, आज लड़कियां सच में शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहती हैं बल्कि पूरी लाइफ सिंगल रहकर बिताना उन्हे ज्यादा आसान लगता है।
वक्त के साथ लड़कियों की ये सोच बदली है इसके पीछे कईं वजहे हैं। आइए आपको बताता हैं इसके बारे में
1- करियर पर करना चाहती हैं फोकस- शादी के बाद लड़कों की ज़िदंगी में कुछ खास बदलाव नहीं आते हैं लेकिन लड़कियों की पूरी ज़िदंगी बदल जाती है। उनका सरनेम, घर, पहचान सब बदल जाती है और साथ ही साथ लड़कियों के लिए शादी ढ़ेर सारी ज़िम्मेदारियां लेकर आती है। ऐसे में करियर पर भी प्रभाव पड़ता है।
2- अपनी आज़ादी होती है प्यारी- आज के वक्त में लड़कियां, लड़कों के बराबर नहीं बल्कि शायद उनसे दो कदम आगे ही चल रही हैं ऐसे में जब उन्हे इस बात का एहसास होता है कि शादी के बाद उन्हे किसी और के हिसाब से जीना होगा, उनके मुताबिक अपनी ज़िदंगी को ढ़ालना होगा तो वो इस बंधन से दूर रहना पसंद करती हैं।
3- अकेलेपन होता है पसंद- कुछ लड़कियों को अकेले रहना भाता है। उम्र के साथ उन्हे अकेलेपन की ऐसी आदत हो जाती है कि उन्हे किसी पार्टनर की ज़रूरत ही महसूस नहीं होती और वो ऐसे ही अपनी ज़िदंगी बिताना चाहती हैं।
4- ज़िदंगी में बदलाव नहीं होता स्वीकार- आजकल लड़कियां शादी के बंधन में बंधने से इसलिए भी कतराती हैं क्योकि शादी के बाद आए बदलावों के प्रति उनके दिल में डर होता है और उन बदलावों में खुद को ना ढ़ाल पाने का यही डर, उन्हे सिंगल रहने के लिए प्रोत्साहित करता है।
5- दूसरों पर निर्भर होना नहीं लगता अच्छा- आज के वक्त में लड़कियां किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहती, वो अपनी लाइफ अपने हिसाब से जीना चाहती हैं और इसलिए हर छोटी सी बात में किसी की परमिशन लेना उन्हे नहीं भाता है।
शादी के बंधन – हमारा ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि लड़कियों को शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहिए लेकिन आज के वक्त की ये मांग है कि अब लड़कियों के लिए शादी एक बंधन ना रहे बल्कि एक ऐसा रिश्ता बने जिसमें उन्हे भी सामान अधिकार प्राप्त हो।