सावन के पवित्र महीने में पूरा माहौल पवित्र हो जाता है.
कहते हैं कि इस दौरान अगर सभी सोमवार का व्रत रख लिया जाए तो मन की मुराद पूरी हो जाती है. सावन के इस पवित्र मौसम में भगवान् शिव के मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है.
भगवान शिव एक ऐसे देव माने जाते हैं जो जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं. आमतौर पर महिलाओं के लिए ये बड़े ही प्रिय भगवान हैं, क्योंकि महिलाओं की मुराद जल्दी सुन लेते हैं. कुछ लोग कहते हैं की अगर सावन के १६ सोमवार कुंवारी लड़की व्रत करले तो उसकी शादी अच्छे घर में होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन के पवित्र महीने में ही शिवलिंग को महिलाओं को नहीं छूना चाहिए?
सावन के पवित्र महीने में मंदिर में भगवान शिव की पसंद का दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि लेकर महिलाएं भी मंदिर में पहुँचती हैं और अपने मन की मुराद मांगती हैं, लेकिन सावन के दौरान मंदिरों के पंडित महिलाओं को शिवलिंग छूने के लिए मना करते हैं.
इसका एक मुख्य कारण है.
ऐसी मान्यता है कि सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव तपस्या में लीन रहते हैं, ऐसे में महिलों के छूने से उनकी तपस्या भंग हो जाती है. पंडित इस बात को जानते हैं और इसलिए महिलों को ऊपर से ही दूध अर्पित करने को कहते हैं. पुरुष इस महीने में शिवलिंग को छू सकते हैं. उन्हें ऐसा कोई दोष नहीं है. अगर कोई महिला सावन के पवित्र महीने में शिवलिंग को छूती है तो इसे अच्छा नहीं माना जाता. ऐसा करना पाप के बराबर माना जाता है.
भगवान शिव जितने जल्दी प्रसन्न होते हैं उतने ही जल्दी रुष्ट भी. इसलिए बेहतर होगा कि सावन के पवित्र महीने में उन्हें न छुआ जाए.
महिलाओं को सभी सोमवार व्रत रखना चाहिए, लेकिन शिवलिंग को छुए बिना ही अपनी पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
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