दुनिया भर में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी अनोखी मान्यताओं की वजह से काफी मशहूर हैं.
कई मंदिर अपनी अनोखी कला-कृतियों की वजह से मशहूर है तो कई मंदिर अपनी अजीबो-गरीब मान्यताओं की वजह से सुर्खियों में है.
आज हम आपको एक ऐसे ही अनोखे मंदिर से रूबरू कराना चाहते हैं जो दुनियाभर में काफी मशहूर है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि महिलाओं के सबसे उत्तेजक अंग यानी उनके ब्रेस्ट की पूजा होती है.
आइए जानते हैं कि इस मंदिर में आखिर महिलाओं के स्तनों की पूजा क्यों की जाती है और इसके पीछे क्या धारणा बताई जाती है.
महिलाओं के स्तनों की पूजा
दरअसल जापान में स्थित यह अनोखा मंदिर दुनियाभर में मशहूर है. बताया जाता है कि इस मंदिर में भगवान की नहीं बल्कि ब्रेस्ट की देवी छिछिगमीसम की पूजा की जाती है.
इस मंदिर में जहां भी आपकी नज़र पड़ेगी वहां सिर्फ ब्रेस्ट ही ब्रेस्ट नज़र आएंगे. इस मंदिर में महिलाओं के स्तनों की पूजा की जाती है लिहाजा इस पूरे मंदिर की सजावट रूई और कपड़े से बने स्तनों से की गई है.
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए महिलाओं के स्तनों की पूजा
इस मंदिर में भारी तादाद में महिलाएं ब्रेस्ट वाली देवी की पूजा करने के लिए पहुंचती है. बताया जाता है कि इस मंदिर में महिलाएं सुरक्षित प्रेगनेंसी और ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए ब्रेस्ट वाली देवी की पूजा करती हैं.
मान्यता है कि इस मंदिर में आनेवाली सभी महिलाओं की मन की मुराद पूरी होती है और जिन महिलाओं की मन्नत पूरी हो जाती हैं वो यहां वापस आकर डमी ब्रेस्ट का चढ़ावा चढ़ाती हैं.
मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
कहा जाता है कि इस मंदिर में ब्रेस्ट की पूजा करने की शुरूवाती कहानी बेहद दिलचस्प है. मान्यताओं के अनुसार जापान के वाकायामा शहर की एक डॉक्टर ने इस मंदिर में ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही अपनी एक मरीज के लिए मन्नत मांगी थी और देवी को डमी स्तन का चढ़ावा चढ़ाया था.
महिला डॉक्टर के ऐसा करने से उसकी मरीज बिल्कुल ठीक हो गई. जिसके बाद से ही महिलाओं का विश्वास इस मंदिर के प्रति बढ़ने लगा और महिलाएं अपनी मन्नत पूरी होने के बाद यहां डमी ब्रेस्ट चढ़ाने लगीं.
मंदिर की हर चीज है स्तन जैसी
जैसे-जैसे इस मंदिर की लोकप्रियता बढ़ने लगी और यहां आनेवाली महिलाओं की तादाद में इजाफा होने लगा. वैसे-वैसे इस मंदिर की साज-सज्जा को भी अनोखा रुप दिया जाने लगा.
इस मंदिर की हर चीज देखने में बिल्कुल स्तन के आकार जैसी ही नजर आती है. यहां तक कि मंदिर के फव्वारे और मूर्तियां भी महिलाओं के स्तन के आकार जैसी ही बनाई गई हैं.
बहरहाल यहां आनेवाली महिलाओं के मुताबिक स्तन वाली देवी उनकी हर मनोकामना को पूरी करती हैं खासकर प्रेगनेंट महिलाएं और ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही महिलाएं इस मंदिर से खाली हाथ वापस नहीं लौटती है.