लड़कियाँ बेहतर होती हैं ऑफ़िस पॉलिटिक्स करने में! ये रहे 5 प्रूफ़!

पॉलिटिक्स जीवन का एक अटूट हिस्सा है!

आप जितनी मर्ज़ी गाली दे दें पॉलिटिक्स को लेकिन रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में कहीं न कहीं, कभी न कभी हम सब पॉलिटिक्स का इस्तेमाल करते हैं, चाहे वो आदमी हों या औरतें! और हाँ, लड़कियाँ यूँ तो समझी जाती हैं सीधी-सादी, लेकिन ऑफ़िस पॉलिटिक्स में उनका कोई मुक़ाबला नहीं है!

और इसका कारण है उनके कुछ ऐसा गुण जो लड़कों के पास नहीं हैं!

आईये दिखाऊँ 5 प्रूफ़ कि क्यों लड़कियाँ पॉलिटिक्स में भी लड़कों से आगे हैं:

1) ज़्यादा समझदार

मानो या न मानो, लड़कियाँ लड़कों के मुकाबले ज़्यादा समझदार होती हैं और इसी वजह से वो आपसी मतभेदों और पॉवर स्ट्रगल से ऊपर उठ पाती हैं! ऐसा करने से उन्हें स्थिति का बेहतर अंदाजा हो पाता है और बेहतर फ़ैसले भी ले पाती हैं!

2) आकर्षण

सिर्फ़ शारीरिक ही नहीं, पर्सनैलिटी में भी एक आकर्षण रहता है जिस से कि वो एक लीडर, एक एक्सपर्ट की भूमिका में आसानी से आ पाती हैं! इसी का फ़ायदा उठा वो अपना काम भी निकलवा लेती हैं और जब लोगों को अपनी तरफ करना होता है तो उनके लिए ये बाएँ हाथ का खेल बन जाता है!

3) जिज्ञासा

लड़कियों को हर बात जानने की जिज्ञासा रहती है| घर पर हों या काम पर, हर जगह उन्हें सब पता होना चाहिए! यही क्वालिटी उनके काम आती है जब ऑफ़िस में भी वो अपनी जिज्ञासा की वजह से इन्फ़ोरमेशन, संसाधन और मौकों को औरों से पहले जान पाती हैं और अपने हक़ में उनसे फ़ायदा ले पाती हैं!

4) डॉमिनेन्स

कितना भी कहिये कि मर्द औरतों को दबाते हैं, सच यही है कि लड़कियाँ चाहें तो अपनी तिरया-चरित्र से लड़कों पर हावी हो ही जाती हैं| बस अपनी इसी डॉमिनेटिंग पर्सनैलिटी के ज़रिये अपने विचार दूसरों से मनवा लेती हैं और अपने हिसाब से काम भी करवा लेती हैं!

5) रिश्तों की समझ

लड़कियों को ही असल में रिश्तों की सबसे ज़्यादा समझ होती है और वो कम्युनिकेशन में भी अव्वल होती हैं! लड़के तो अपने मन की बात भी नहीं कर पाते समय आने पर! अपने इसी गुण के कारण, लड़कियाँ ऑफ़िस में सभी से एक दोस्ती क़ायम कर पाती हैं और ज़रुरत पड़ने पर कौन से रिश्ते में जान डालनी है और किसे मार देना है, उन्हें भली-भाँती आता है!

लड़कों के लिए सांत्वना बस इसी में है कि सभी लड़कियाँ अपने इन गुणों का सही इस्तेमाल नहीं कर रहीं तभी लड़के आगे हैं! वरना जिस दिन हर लड़की ने अपनी क्षमताओं के अनुसार दिमाग़ लगाना शुरू कर दिया न, लड़के न घर के रहेंगे न घाट के!

 

Nitish Bakshi

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