यूपी में दम है क्योंकि यहाँ क्राइम कम है… शुरुआत में इसी टैग लाइन के साथ पोलिटिकल पार्टी चुनाव में दम दिखा रही थीं, लेकिन यूपी जैसा प्रदेश और कोई नहीं. यूपी के मेरठ में जब डॉक्टर पार्टी करते हैं, तो उनके लिए शराब एम्बुलेंस में भरकर आती है. एम्बुलेंस को देखते ही सडकों पर दूसरी गाड़ियाँ उसे जगह दे देती हैं, लेकिन मेरठ के डॉक्टर कुछ इस तरह से इसका उपयोग करते हैं. ये हर सरकार के लिए शर्मनाक है.
आमतौर पर कई ऐसे शहर और गाँव हैं जहाँ पर सही समय पर एम्बुलेंस के न पहुँचने से मरीज़ की जान चली जाती है, लेकिन इन्हीं शहरों में एम्बुलेंस का उपयोग डॉक्टर अपने हिसाब से करते हैं. भले ही मरीज़ को लेने एम्बुलेंस पहुंचे न पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों के लिए शराब की बोतल लेने ज़रोर पहुँच जाती है. मेरठ के मेडिकल कॉलेज में एक कार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों ने जमकर जाम छलकाए और रशियन डांसर के साथ अश्लील ठुमके भी लगाए. इतना ही नहीं डॉक्टरों ने एम्बुलेंस में शराब की पेटियां ढोई. फिलहाल सीएमओ ने पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग की है.
जिन डॉक्टरों को हम भगवान् का रूप कहते हैं वही डॉक्टर हमारी जिंदगी से खेलते हैं. यूपी में बहुत से मामले आय दिन हमें देखने को मिलते हैं जब लोग एम्बुलेंस के नहीं पहुँचने पर जान दे देते हैं. दरअसल बीते 2 दिनों से ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन 1992 बैच के डॉक्टरों का सिल्वर जुबली सेलिब्रेट कर रहा है. मेडीकल कॉलेज के परिसर में इस दौरान खुले आसमान में शराब के जाम छलके औऱ नाच-गाना हुआ. इतना ही नहीं मनोरंजन के लिए रशियन डांसरों का डांस भी रखा गया. वहीं इस बीच मरीजों से जुड़े संसाधन डॉक्टरों की शराब ढोने में लगाए गए. यह शराब कार्यक्रम स्थल पर लगे वाइन काउंटर पर सप्लाई की जा रही थी. वाइन पीने वाले डॉक्टर तब भूल गए थे कई बार इसी एम्बुलेंस के टाइम पर न पहुँचने से गर्भवती महिला और उसका बच्चा, दोनों ही जान गंवा बैठते हैं.
इस पूरे मामले ने एक बार फिर से यूपी सरकार पर सवाल खड़ा कर दिया है. आखिर कब तक ऐसी लापरवाही चलती रहेगी. आखिर कब प्रशासन इस तरह की घटिया हरकतों पर नकेल कसने में सक्षम होगा. मेरठ की आम जनता तक जब ये बात पहुंची तो लोगों का कहना है कि यह बेहद शर्मनाक घटना है. मरीजों को इलाज के लिए एम्बुलेंस नहीं मिलती, लेकिन डॉक्टर अपने कार्यक्रम के लिए एम्बुलेंस में शराब की पेटी ढो रहे हैं. सीएमओ डॉ. राजकुमार का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. अगर ऐसा हुआ है तो गलत है. लोग चाहे जितना गुस्सा और रोष क्यों न दिखा लें, लेकिन जबतक खुद प्रशासन इसपर कड़ी कारवाई नहीं करेगा, इस तरह के डॉक्टरों की मनमानी चलती रहेगी.
ये कोई पहली बार और पहला शहर नहीं है जहाँ इस तरह की घटना हुई है. ऐसी घटना कई बार होती रह्तिहाई. अब तो लोग इसके आदि हो चुके हैं. उन्हें इस बात का एहसास हो चुका है कि अब कुछ भी नहीं होने वाला. ये देश ऐसे ही चलेगा.
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