विज्ञान और टेक्नोलॉजी

अब गांव में लोग अपने बल्ब से चला सकेंगे वाईफाई

वाईफाई – देश अगर तरक्की करे तो किसे ख़ुशी नहीं होगी. इस तरक्की में सभी का हित होता है.

असल में जिस तरह से चीन तरक्की कर रहा है उसी तरह से दुनिया का हर देश तरक्की करना चाहता है. सभी ये चाहते हैं कि उनकी तरक्की हो ताकि उन्हें कहीं और जाने की ज़रुरत न पड़े.

अगर अपने ही देश में कमाने की अच्छी सुविधा हो गई तो विदेश जाने की कोई ज़रुरत नहीं. भारत भी तरक्की कर रहा है. धीरे धीरे ही सही हमारे यहाँ कई तरह के आविष्कार हो रहे हैं.

अब एक ऐसी खबर सामने आयी है जिसे सुनकर आपको हैरानी हो सकती है. जी हाँ, बल्ब से वाईफाई चलाने की.

ज़रा सोचिए अगर आपके घर में लगे बल्ब से वाईफाई की सुविधा हो जाए तो आपको कितनी सुविधा और ख़ुशी होगी.

आप अपने काम कितने आसानी से कर सकेंगे. सड़क पर चलते हुए लगे बल्ब से आपका फोन कनेक्ट हो जाए और विडियो चलने लगे तो आपको बी आहूत ख़ुशी होगी. महीने का डाटा प्लान भराने की झंझट नहीं.

भारत सरकार एक ऐसी तकनीक का परीक्षण कर रही है, जिससे यह सब हो सकता है. यह तकनीक आपको और भी कई फीचर्स मुहैया करा सकती है.

इसका मतलब ये हुआ कि बहुत जल्द ही ये सब संभव होगा. आप ऐसा कर सकेंगे. सोच को बोतल में उतारा जा सकेगा.

इस प्रोजेक्ट पर तेज़ी से काम हो रहा है. ख़ास बात ये है कि गाँव में इस प्रोजेक्ट की ख़ास ज़रुरत है.

अगर ये सफल हो जाता है तो भारत का गाँव भी तरक्की की राह पर चल पड़ेगा. हालिया पायलट प्रोजेक्ट में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी ने लाईफाई (लाइट फिडेलिटी) तकनीक का परीक्षण कराया है. इसमें 10 जीबी प्रति सेकेंड तक की स्पीड से एक किलोमीटर के दायरे में डाटा ट्रांसमिशन वाले एलईडी बल्ब और लाइट स्पेक्ट्रम यूज किए जाते हैं.

इसका मतलब ये हुआ कि स प्रोजेक्ट से कुछ सकारात्मक उम्मीद जागी है.

सच कहें तो इसका सबसे ज्यादा फायदा उन इलाकों में होगा जहाँ पर सही तरह से सड़क और रेलवे लाइन हैं. जंगलों और बीहड़ में इसका फायदा सरकार को होगा. इस तकनीक का इस्तेमाल अस्पतालों को जोड़ने में भी किया जा सकता है, जहां कुछ उपकरणों के चलते इंटरनेट सिग्नल हमेशा टूटता रहता है. इसके जरिए अंडरवॉटर कनेक्टिविटी भी मुहैया कराई जा सकती है.

इस एक प्रोजेक्ट के सही से काम कर जाने पर बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी. सबसे ख़ुशी की बात ये होगी कि उन इलाकों के लोग भी दुनिया से जुड़ जाएंगे जहाँ पर सिर्फ और सिर्फ जंगल है.

अगर ये प्रोजेक्ट कामयाब हो जाता है तो इससे दुनिया को बहुत लाभ मिलेगा. भारत के कई हिस्से ऐसे हैं जिन्हें इस सुविधा का गहरा लाभ मिलेगा. भारत में पिछले कुछ वर्षों में वाइटस्पेस जैसे विकल्पों के साथ भी प्रयोग किया गया है, जिसमें टीवी चैनलों के बीच डाटा रिले के लिए अनयूज्ड स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया जाता है. भारत और दुनिया के वैज्ञानिक मिलकर इसके उपक्रम में लगे हुए हैं.

अगर सबकुछ सही से हो गया तो बहुत जल्द आप इस वाईफाई सुविधा का फायदा उठा सकेंगे. आपको एक ऐसी सुविधा के फायदा मिल जाएगा जिसके बारे में अभी आपका दिमाग सोचने पर कई सवाल खड़ा कर रहा होगा.

Shweta Singh

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Shweta Singh

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