सलमान खान की हर अदा और अदाकारी की दुनिया कायल है.
सलमान की तरह हेयर स्टाइल, इनकी तरह कपड़े, इनका चुलबुल-पन और तो और इनका अपनी बेल्ट को चलाना, हमारा समाज सलमान खान के पदचिन्हों पर चलता है.
अब 2015 में सलमान खान को क्यों याद आया कि में तो नशे में नहीं था, ड्राइवर कार चला रहा था, कार का एक दरवाजा लॉक हो गया था, और हादसे के वक़्त में भागा नहीं था बल्कि में तो लोगों की मदद कर रहा था.
अब जो बयान बचाव पक्ष और गवाह दे रहे हैं उससे तो यह पूरी कहानी एक फिल्म की स्क्रिप्ट ही लग रही है जैसेकि किसी अच्छे लेखक ने फिल्म की कहानी को एक क्रम से लिख दिया है.
आइये देखते हैं कि किस आधार पर हम आज यह बात कह रहे हैं-
- सबसे पहले बताया जाये कि गवाहों की मौत एक के बाद एक क्यों हो रही है? अब तक चार से ज्यादा गवाहों ने सलमान की पहचान की है.
- इस केस में आज जो पहला गवाह पेश किया गया था उसका नाम सांबा गौडा था. अदालत में सांबा ने कहा था कि इस एक्सिडेंट में एक बड़ी कार शामिल थी. हिट एंड रन केस में अभियोजन पक्ष ने 64 गवाहों की सूची कोर्ट में दी है.
- 12 सालों बाद अचानक से कैसे ड्राइवर को हादसे के वक़्त की पूरी कहानी याद आ जाती है?
- जिस डॉक्टर ने सलमान के खून की जांच की थी उसने अपनी पहली रिपोर्ट में कहा था कि सलमान ने हादसे के वक़्त शराब पी रखी थी. अब बोला जा रहा है कि वह जांच करने वाला व्यक्ति जांच के योग्य नहीं था. साफ़ तौर पर यह एक मजाक नहीं तो क्या है? इतने गंभीर और हाई प्रोफाइल केस में एक नौसिखिये व्यक्ति द्वारा जांच करना कितने हद तक सही था?
- सलमान हादसे की रात बार में शराब नहीं, पानी पीकर निकले थे और कुछ मौके पर मौजूद लोगों ने अपने ब्यान में कुछ और ही बोला था.
- बार में शराब परोसने वाले व्यक्ति का ब्यान भी बदला है.
- हादसे के वक़्त सलमान खान ने एम्बुलेंस को कोई कॉल क्यों नहीं की और मात्र 15 मिनट बाद ही हादसे वाली जगह से क्यों चले गये?
- बेकरी मालिक ने भी अपने ब्यान बदले हैं?
लेकिन अब सलमान खान ने अपने हिट एंड रन केस में इतने सालों बाद एक बयान दिया है कि इस हादसे के वक़्त वह अपनी कार नहीं चला रहे थे. आगे इन्होनें बोला है कि वह नशे में नहीं थे. इनकी कार इनका ड्राइवर चला रहा था.
अब इस तरह का बयान 12 सालों बाद, सलमान द्वारा बोलना एक झूठ की तरह ही लग रहा है. क्योंकि केस की शुरूआत में पुलिस की रिपोर्ट कुछ और थी और अगर कुछ ऐसा था तो सलमान खान प्रारंभ में ही इस बात को सबके सामने क्यों नहीं लाये?
हमें यहाँ कोर्ट के न्याय और न्याय प्रक्रिया पर पूर्ण विश्वास है पर कोर्ट में सबूतों के आधार पर बात की जाती हैं और अब ऐसा लग रहा है कि कोई सबूतों के साथ भी खेल रहा है.
क्या भारत देश में गरीब लोगों की जान किसी के लिए भी कोई मायने नहीं रखती है ? 12 साल इंसाफ के लिए क्या एक कम वक़्त होता है और क्यों बचाव पक्ष अपनी दबंगी पर उतर आया है? सलमान का झूठ क्या उनके फैन्स को दुख नहीं दे रहा है? क्या अब इसके बाद, इनके प्रशंसक झूठ बोलना नहीं सीख जायेंगे?
हम सब सलमान खान को बहुत चाहते हैं लेकिन हमें अब हिट और रन केस को जल्द से जल्द खत्म करने की मांग करनी चाइये ताकि गरीब बेकसूर लोगों को न्याय जल्द मिल सके.
हम भी सलमान खान को चाहने वाले उनके प्रशंसक हैं परन्तु हमें ‘इंसाफ’ से पहले ज्यादा प्यार है. हमनें संजय दत्त को मिले अदालती फैसले को माना है और कोर्ट से निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द इस केस का भी सच सामने लाया जाए. आपसे नम्र निवेदन है कि आप भी सलमान खान की आने वाली फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ का बहिष्कार तब तक कीजिये जब तक, गरीबों के साथ इंसाफ नहीं हो जाता है.
(लेखक का सलमान खान और बजरंगी भाईजान फिल्म से किसी प्रकार की दुश्मनी नहीं है अगर यह विचार किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाते हैं तो हम उसके लिए माफ़ी चाहते हैं, यह केवल समाज के हित में न्याय की भावना से लिखा गया है. पाठकों को अपनी राय खुद बनाने का अधिकार है.)