क्या आपने सोचा है गृहणियों, शादीशुदा औरतों के श्रृंगार के साधन सिन्दूर से हनुमान का क्या रिश्ता है?
आखिर क्या कारण है कि बालब्रह्मचारी हनुमान का श्रृंगार सिन्दूर से किया जाता है ? आज आपको बताएँगे रामायण की वो कहानी जिसमे बताया गया है कि हनुमान और सिन्दूर में क्या सम्बन्ध है?
तुलसीदास रचित रामचरित मानस में हनुमान जी के इस प्रसंग का वर्णन बेहद ख़ूबसूरती से किया गया है.
इस कथा के अनुसार लंका विजय के बाद जब भगवान राम सीता लक्ष्मण और हनुमान सहित अयोध्या में आ गए थे तो एक दिन हनुमान ने सीता माता को अपने सिर में लाल रंग लगाते देखा.
जब हनुमान को समझ नहीं आया कि ये लाल रंग की चीज़ है क्या तो उन्होंने सीता से पूछा “माता ये आपने सिर में क्या लगाया है?”
सीता ने हनुमा को सिंदूर के बारे में बताया. हनुमान ने सिंदूर लगाने का कारण पुछा तो सीता ने बताया कि ये सिन्दूर लगाने से श्री राम की आयु बढती है और वो स्वस्थ रहते है.
हनुमान ने जब ये सुना तो तुरंत जाकर अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर आ गए. सिंदूर लगाने से हनुमान का पूरा शरीर लाल हो गया था.
उसी अवस्था में हनुमान श्री राम के दरबार में चले गए. हनुमान को इस तरह देखकर सभी हंसने लगे और राम भी मुस्कुरा उठे.
राम ने हनुमान से पुछा कि पूरे शरीर पर सिन्दूर लगाने के पीछे क्या कारण है?
हनुमान ने बताया कि जब सीता माता एक चुटकी सिंदूर लगती है और उससे आपकी आयु बढ जाती है तो मैं अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर आया हूँ, जिससे आप अमर हो जाएँ.
हनुमान की ये बात सुनकर श्री राम ने भाव विभोर होकर हनुमान को गले लगा लिया. उस दिन के बाद से ही हनुमान का श्रृंगार सिंदूर से किया जाने लगा.
आज भी सभी मंदिरों में हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाया जाता है. कहा जाता है सिंदूर चढ़ाने से हनुमान जी प्रसन्न होते है और सभी मनोकामनाएं पूरी करते है.