शंखचूड़ विष्णु के वरदान के अनुसार महाशक्तिशाली था.
पुष्कर में उसने ब्रह्मा की अटूट तपस्या की. शंखचूड़ की ऐसी तपस्या देखकर ब्रह्मा प्रसन्न हुए और उसे वर मांगने को कहा. शंखचूड़ ने अजेय होने का वर माँगा. ब्रह्मा ने उसे एक अजेय कृष्णकवच प्रदान किया और साथ ही देवी तुलसी से विवाह की आज्ञा भी दी.
ब्रह्मा के वरदान और तुलसी जैसी पतिव्रता नारी के तेज़ से शंखचूड़ अजेय हो गया.