दैत्यराज दंभ एक महापराक्रमी दैत्य था.
उसके जीवन का सबसे बड़ा शोक उसका पुत्र विहीन होना था. दंभ ने पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान् विष्णु की कठोर तपस्या की. दंभ की तपस्या से प्रसन्न होकर विष्णु ने दंभ को त्रिलोक में अजय महापराक्रमी पुत्र प्राप्ति का वर दिया. भगवान् विष्णु के वरदान के फलस्वरूप दंभ को पुत्र की प्राप्ति हुई. दैत्यराज ने अपने पुत्र का नाम शंखचूड़ रखा.