वैज्ञानिक प्रयोगो के लिए चूहों का इस्तेमाल – लैबोरेट्री में अकसर सभी तरह के प्रयोग अधिकतर चूहों पर किए जाते हैं।
इन पर किए गए प्रयोगों के आधार पर ये पता लगाया जाता है कि संबंधित प्रयोग इंसानों पर किस तरह असर करेगा और कैसे ये उन्हें फायदा और नुकसान पहुंचाएगा।
लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि वैज्ञानिक प्रयोगो के लिए चूहों का इस्तेमाल क्यों होता है ?
चलिए आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि वैज्ञानिक प्रयोगो के लिए चूहों का इस्तेमाल क्यों होता है।
चूहे वे जीव हैं जिनके शरीर में होने वाली बहुत सी क्रियाएं मनुष्यों से मिलती-जुलती हैं। चूहे आकार में छोटे होते हैं और इसलिए इन्हें रखने में जगह की जरूरत भी कम रहती है। साथ ही किसी भी नए माहौल में बड़ी आसानी से एडजस्ट हो जाते हैं।
चूहों में प्रजनन जल्दी होता है और इनकी उम्र 2 से 3 साल की ही होती है।
ऐसे में चूहों की एक पीढ़ी आ अध्ययन बड़ी आसानी से किया जा सकता है। कम खर्च में चूहों की ज्यादा संख्या को प्रयोगों के लिए खरीदा जा सकता है। इस वजह से भी वैज्ञानिक चूहों पर ही प्रयोग करन ज्यादा बेहतर समझते हैं।
वैज्ञानिकों की मानें तो सामान्य रूप से रिसर्च के दौरान चूहे शांत और स्थिर रहते हैं और इस वजह से उन्हें हैंडल कर पाना थोड़ा आसान होता है। मेडिकल टेस्टिंग में मूषक का प्रयोग करने की हम वजह इसके जेनेटिक्स, बायोलॉजिकल और व्यवहार संबंधी लक्षणों का मनुष्यों से मिलता-जुलता होना है।
वैज्ञानिक प्रयोगो के लिए चूहों का इस्तेमाल इसलिए भी हो रहा है कि बीते दो दशकों में मनुष्य और चूहों की ये समानताएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं और अब वैज्ञानिक ट्रांसजेनिक माइस भी बना सकते हैं।
चूहों पर प्रयोग करके अब वैज्ञानिक नॉक आउट माइस भी बना सकते हैं जिनमें किसी जीन को हटाया या इनएफेक्टिव किया जा सकता है। ऐसे चूहों का अध्ययन करके इंसानों में बनने वाले कैंसर केमिकल के प्रभावों को समझा जा सकता है और ली जाने वाली दवाओं की सुरक्षित मात्रा के बारे में जाना जा सकता है।
इंसानों में होने वाली कई तरह की बीमारियों जैसे डायबिटीज़, हाइपरटेंशन, मोटापा, पार्किंसन, अल्ज़ाइमर, कैंसर, हार्ट अटैक, दिल के रोग और एड्स जैसी बीमारियों का पता लगाने के लिए इनसे जुड़े प्रयोग चूहों पर किए जाते हैं। अब चूहों और इंसानों में होने वाली बहुत सी समानताओं के कारण और आसानी से उपलब्ध के कारण एवं रखरखाव की सुविधा की वजह से ही वैज्ञानिक प्रयोगों में चूहों का प्रयोग किया जाता रहा है।
अब तो आप जान गए ना कि बाकी सभी जानवरों में चूहों पर ही सबसे ज्यादा प्रयोग क्यों किए जाते हैं। जब कोई एमबीबीएस या डॉक्टर की पढ़ाई करता है तो उन्हें भी चूहों पर ही कई तरह के प्रयोग करके ईलाज की कई तकनीकों के बारे में सिखाया जाता है।
इस लेख को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगें चूहों की शारीरिक हरकतें मनुष्य से मिलती-जुलती होती हैं और इसी वजह ये चूहों पर प्रयोग किया जाता रहा है।
इसलिए वैज्ञानिक प्रयोगो के लिए चूहों का इस्तेमाल करते है – जानवरों पर होने वाले प्रयोगों से मनुष्य के बारे में कई तरह की जानकारियां एकत्रित की जाती हैं जिससे मानव विकास और दवाओं के बारे में जानने में मदद मिलती है।
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