Categories: विशेष

रुद्राक्ष क्यों हैं इतना महत्वपूर्ण?

रुद्राक्ष को भगवान् शिव का अंश कहा जाता हैं.

रुद्राक्ष का यह नाम संस्कृत भाषा से लिया गया हैं. वो दो शब्द  रूद्र और अक्ष हैं जिन से मिल कर रुद्राक्ष बना हैं. जिसमे रूद्र का अर्थ होता हैं भगवान् शिव और अक्ष का मतलब होता आंख का आंसू.

हिन्दू मान्यताओं में रुद्राक्ष का महत्व अध्यात्मिक रूप में बहुत अधिक हैं.

रुद्राक्ष की माला या रुद्राक्ष धारण करने से हमारे जीवन में चल रही कई परेशानिया कम होती हैं. कहा जाता हैं कि रुद्राक्ष धारण करने से हमारे जीवन में  सकारात्मक उर्जा का संचार होता हैं.

हिन्दू पुराणों में रुद्राक्ष की उत्पति के पीछे एक रोचक कहानी हैं.

एक बार भगवान् शिव किसी काल में क़रीबन 1000 वर्ष की तपस्या में लीन हो गए थे. जब भगवान शिव की यह तपस्या पूरी हुई और तप के बाद  उन्होंने अपनी आँखे खोली थी, तब उनकी आँख से आंसू की कुछ बूंद ज़मीन पर गिरी थी जिससे रुद्राक्ष के वृक्ष की उत्पति हुई थी और उसी पेड़ का फल निकला जिसे हम रुद्राक्ष के नाम से जानते हैं.

इस तरह से एक और कहानी पुराणों में रुद्राक्ष की उत्पति के बारे में प्रचलित हैं कि रुद्राक्ष की उत्पति भगवान् शिव के पसीने से हुई थी पर इस बात पर एक सवाल यह उठता हैं कि रुद्राक्ष के ज्यादातर वृक्ष नेपाल में पाए जाते हैं और वो भी हिमालय के पहाड़ियों के पास वाले इलाक़े में ही अधिक तादात में. उस जगह का तापमान अधिकतर ठंडा ही रहता हैं फिर भगवान् शिव और उनके पसीने से बने रुद्राक्ष की बात कुछ अजीब लगती हैं.

नेपाल के अलावा रुद्राक्ष भारत के असम और हरिद्वार जैसे कई इलाके में पाए जाते हैं. लेकिन इन जगह पाए जाने वाले रुद्राक्ष के मुख पुरे खुले नहीं होते हैं. पुराणों में रुद्राक्ष के मुख के बारे कहा गया हैं कि रुद्राक्ष 1 से 14 मुख वाले तक होते हैं लेकिन अब 14 से 21 मुख वाले रुद्राक्ष भी मिलने लगे हैं. रुद्राक्ष के मुख से तात्पर्य उसमे पाई जाने वाली धार से होता हैं, जो प्राकृतिक रूप से उसमे होती हैं, पर यह मान्यता हैं कि 1 से 8 मुख वाले रुद्राक्ष बहुत शुभ होते हैं.

रुद्राक्ष में पाई जाने वाली धार के अलावा रुद्राक्ष के दाने भी महत्वपूर्ण होते हैं. रुद्राक्ष में 108 दाने वाले रुद्राक्ष को सबसे शुभ माना जाता हैं. इसी तरह कई दानों वाले रुद्राक्ष भी पाए जाते हैं जिनके अपने महत्व हैं-

108  दाने वाले रुद्राक्ष से सांसारिक जीवन की सभी कामनाए पूरी होती हैं.

54  दाने वाले रुद्राक्ष मानसिक अशांति दूर करते हैं.

30  दाने वाले रुद्राक्ष धनसम्पति लाते हैं.

27  दाने वाले रुद्राक्ष से अच्छी सेहत और उर्जा प्राप्त होती हैं.

25  दाने वाले रुद्राक्ष मोक्ष की और ले जाते हैं.

15  दाने वाले रुद्राक्ष से अभिचार कर्म की मिलते हैं.

पुराणों में कही गयी बातों पर विश्वास करना लोगों की आस्था पर निर्भर करता हैं, लेकिन जीवन मे सकारात्मकता लाने के लिए यदि कोई चीज़ उपलब्ध हैं तो इस्तेमाल करने में क्या बुराई हैं.

Sagar Shri Gupta

Share
Published by
Sagar Shri Gupta

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago