भगवान राम और यम को चर्चा करते कुछ समय हुआ था तभी महर्षि दुर्वासा का आगमन हुआ और उन्होंने राम से मिलने की इच्छा जताई. लक्ष्मण ने विनम्रतापूर्वक कुछ देर इंतज़ार करने को कहा. ये सुनकर ऋषि क्रोधित हो गए और राम से तत्काल ना मिलने देने पर पूरी अयोध्या को श्राप देने की बात कहने लगे.
लक्ष्मण दोराहे में फँस गए कि करे तो क्या करे…