2008 में आईपीएल की शुरूआत हुई तब पड़ोसी देश पाकिस्तान के खिलाड़ी इसमें शामिल हुए थे मगर इसी साल के अंत में हुए मुंबई हमलों के बाद तनाव को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने इन्हें इस साल हुए आईपीएल में खेलने की अनुमति नहीं दी थी.
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी दूरियाँ बढ़ती गयी और विरोध के चलते अभी तक पाकिस्तानी खिलाडियों को आईपीएल में आने के लिए वीजा नहीं दिया गया है .
लेकिन इस मुद्दे पर आईपीएल और भारत सरकार एक दोगला रूख नजर आ रहा है.
जहाँ एक तरफ पाकिस्तानी खिलाडियों पर बैन लगा हुआ है वहीँ दूसरी और पाकिस्तानी कमेंटेटर और अंपायर आईपीएल में हिस्सा बे रोकटोक ले रहे हैं और पैसा भी कमा रहे हैं. वसीम अकरम तो एक आईपीएल टीम के कोच भी बने हुए हैं. और यह 2010 से आईपीएल से जुड़े हुए हैं.
26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद से बिगड़े भारत-पाक क्रिकेट संबंध बहाल होने की उम्मीद तो अभी नहीं की जा सकती है पर यदि आपको पाकिस्तान से संबंध ही नहीं रखने हैं तो आपको अंपायर और कमेंट्री करने वाले पाकिस्तानी पूर्व खिलाडियों से भी रिश्ते खत्म करने चाइये.
आइये नज़र डालते हैं उन नामों पर जो अभी शामिल है आईपीएल-8 में
1. वसीम अकरम
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान वसीम अकरम आईपीएल-7 टूर्नामेंट में कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम जुड़ गये थे. अकरम 2010 से 2012 तक तीन साल के लिए केकेआर टीम के सहयोगी स्टाफ का हिस्सा रहे हैं और एक बार टीम के बोलिंग कोच भी हैं.
2. शोएब अख्तर
पाकिस्तान के रावलपिंडी एक्सप्रेस यानी फास्ट बॉलर शोएब अख्तर अभी कमेंटरी बॉक्स से जुड़े हुए हैं.
3. रमीज राजा
पूर्व बल्लेबाज रमीज राजा आईपीएल मैचों की कमेंट्री टीम में हैं और अपनी आवाज़ से आईपीएल को अपनी सेवा दे रहे हैं. इनको 57 टेस्ट मैच और 198 वनडे मैचों का अनुभव है
4. अंपायर असद रउफ
अंतरराष्ट्रीय अंपायर असद रउफ आईपीएल में अंपायरिंग कर रहे हैं.
5. अलीम डार
6 जून 1968 को जन्में डार पाकिस्तान के लिए प्रथम श्रेणी के खिलाड़ी भी रहे हैं. अलीम डार 94 टेस्ट मैच, 175 एकदिवसीय और 35 ट्वेंटी- ट्वेंटी मैचों में, अपनी सेवाएँ, क्रिकेट को दे चुके हैं. वर्तमान में अलीम डार आईपीएल में शामिल हैं.
6. अजहर महमूद
अजहर महमूद ने पाकिस्तान की ओर से 21 टेस्ट मैच और 143 एकदिवसीय मैच खेले हैं. अभी इस बार इनको कोलकाता की टीम ने ख़रीदा हुआ है. इनको आईपीएल में शामिल करने के पीछे जो कारण बताया जाता है वह है कि अब इन्होनें इंग्लैंड की नागरिकता ले ली है.
अब ऐसे में क्या इस प्रकार का प्रतिबंध सही है ? जो कुछ खिलाड़ियों पर तो लागू हो रहा है और कुछ लोग इसको मजाक बनाकर आईपीएल का पूरा फायदा उठा रहे हैं. आईपीएल बोर्ड का ध्यान इस और बिलकुल नहीं जा रहा है जबकि होना यह चाहिये कि या तो यह प्रतिबंध सभी पर लागू हो या सभी से इसको खत्म कर दिया जाये.
आपको क्या लगता है कि इस तरह से आधा प्रतिबन्ध आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर लगाना सही है क्या ?
आपकी राय का इंतज़ार रहेगा.