चित्तौड़ की रानी पद्मावती के ऊपर बनी संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर देश में खूब विवाद छिड़ा हुआ है। करणी सेना ने तो दीपिका और फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली का सिर कलम तक कर देने का फरमान जारी कर दिया है।
ये फिल्म 2 दिसंबर, 2017 को रिलीज़ होने वाली थी लेकिन विवादों के चलते इसकी रिलीज़ को टाल दिया गया है। इस फिल्म पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि इसमें रानी पद्मावती का रोल कर रही दीपिका के अलाउद्दीन खिलजी बने रणवीर सिंह के साथ कुछ अभद्र सीन हैं।
इस वजह से फिल्म को रिलीज़ नहीं होने दिया जा रहा है। विरोधियों का कहना है कि जिस रानी ने अपने सम्मान और गौरव के लिए 16 हज़ार रानियों के साथ जौहर कर लिया उसे इस तरह नाच-गाने और अंतरंग दृश्यों के साथ पेश करने का कोई औचित्य नहीं है। जबकि इसके विरूद्ध फिल्म की पूरी कास्ट फिल्म में रणवीर और दीपिका का एक भी सीन ना होने की बात कह रही है।
फिल्म के प्रमोशन के दौरान दीपिका ने भी कई बार इस बात पर ज़ोर दिया है कि फिल्म में रणवीर के साथ उनका कोई सीन नहीं है। अगर ऐसा है तो फिल्म को रिलीज़ किया जा सकता है लेकिन अगर इस फिल्म में रानी पद्मावती को खिलजी के साथ दिखाया गया है और उन दोनों का कोई भी अभद्र सीन फिल्म में है तो भारत के गौरवमयी इतिहास की लाज के लिए इस फिल्म को बैन कर देना चाहिए।
जिस रानी ने अपने सम्मान और लाज को बचाने के लिए जौहर कर दिया, उसे इस तरह फिल्मी पर्दे पर दिखाना उनके त्याग को बेइज्जत करना होगा। रानी पद्मावती के गौरव को बरकरार रखने के लिए बड़े पर्दे पर खिलजी और रानी पद्मावती की कहानी को ना ही दिखाया जाए तो बेहतर होगा।
खबरों की मानें तो फिल्म में रानी पद्मावती के शौर्य और बुद्धिमानी की गाथा को बताया गया है। अगर ऐसा सच में है तो इस फिल्म को दर्शकों तक जरूर पहुंचना चाहिए। क्या सच है और क्या झूठ ये तो फिल्म के रिलीज़ होने के बाद ही पता चलेगा।