हमारे पूर्वज – टेक्नोलॉजी को वैसे तो दुनिया में इंसानों की मदद करने के लिए बनाया गया था, जोकि उसने पूरा भी किया लेकिन साथ ही हमे आलसी भी बना दिया.
आज के इस नए दौर में पिछले हर दस सालों से ज्यादा मनुष्य आलसी होता चला जा रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो मानव जाति का विनाश ज्यादा दूर नहीं है.वो दिन जल्द ही आने वाला है जब मनुष्य पूरी तरह से रोबोट्स पर निर्भर होंगें. वहीं दूसरी ओर अगर आप हमारे पूर्वज को देखें तो प्राचीन इतिहास के पन्नों में सादे तौर पर लिखा है कि उस समय प्रजा सुखी होने के साथ लंबा जीवन भी बसर करती थी. लेकिन आज के समय में बीमारियां बढ़ने के कारण अब ऐसा नहीं रहा है.
शारीरिक कसरत –
प्राचीन काल में लोग सभी कार्य बिना किसी तकनीक की मदद के किया करते थे. जैसे कि एक जगह से दूसरी जगह जाना, अपने घर के सभी कार्य पूरे करने में उन्हें हम से ज्यादा श्रम करना पड़ता था, जिसके कारण वो मोटापे जैसी खतरनाक बीमारी के शिकार नहीं होते थे.
खान पान –
हमारे पूर्वज के समय पर खाना प्रोटीन और कैलोरी से भरपूर हुआ करता था साथ ही उनका डाइजेस्टिव सिस्टम भी हमसे अच्छा होता था, और वहीं दूसरी ओर आज के समय के लोग भोजन केवल स्वाद के लिए करते हैं जिसमें जंक फ़ूड जैसा खान-पान शामिल होता है, जो हमारे शरीर में केवल फैट बढाता है, जिस कारण हम अपने पूर्वजों से कम फुर्तीले हैं.
साथ ही हमारे पूर्वज का एक ही दिनचर्या हुआ करती थी, जिसमें बह्र्म मुर्हुत में उठना समय पर भोजन करने से लेकर अपने कार्य में मग्न रहना था और रात में सोने से करीब 4 घंटे पहले हलका भोजन करना. रात्रि जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना एक अच्छी दिनचर्या और स्वास्थ्य की पहचान है.
अगर आप भी यह रूटीन फॉलो करेंगें तो आप भी अपने अंदर फुर्ती और ताकत महसूस करने लगेंगे.
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