यह मामूली दिखने वाले लड़कों की समस्या क्या है?
देखो यार, एक तो माँ-बाप से अच्छी लुक्स नहीं मिली पर अगर किस्मत से मिस इंडिया मिल ही गयी है तो संभाल लो ना, परेशानी क्या है?
वैसे भी दुनिया में सुन्दर लड़कियों की कमी नहीं है और अच्छे दिखने वाले लड़के चाहिएँ तो घास-फूस के ढेर में सुई ढूंढने जैसा होगा! खुशनसीबी समझो कि एक सुन्दर गर्लफ्रेंड को तुम पसंद आये, उसने तुम्हें अपना बॉयफ्रेंड बनाया, अपना दिल दिया, अपनी ज़िन्दगी तुम्हारे साथ बाँटने के सपने देखे और तुम्हें भी दिखाए|
और एक आप हैं कि सुन्दर गर्लफ्रेंड पर शक़ ही किये जा रहे हैं!
जी हाँ दोस्तों, ऐसा बहुत ही आम हो गया है आजकल कि जहाँ एक सुन्दर लड़की मिल गयी, उसका मामूली सा दिखने वाला बॉयफ्रेंड प्यार-मोहब्बत की बातें छोड़ अपनी गर्लफ्रेंड की हर हरक़त पर ऐसे नज़र रखता है जैसे भारत पाकिस्तान पर!
वो कहाँ जाती है, किस से बातें करती है, कितनी बातें करती है, कौन से लड़कों से मिलती है और ऐसी कितनी ही चीज़ों की जासूसी शुरू हो जाती है कि ब्योमकेश बक्शी भी एक बार के लिए शर्मा जाएगा!
ऐसे लड़कों की अंदरूनी कमियां छलाँगें मार के बाहर आने लगती हैं, हीन भावना उन पर ऐसे सवार होती है जैसे मुंबई लोकल ट्रेन में भीड़!
अरे यार यह ही सोच लो कि अगर वो आपकी गर्लफ्रेंड बन गयी है तो उसे आप में कुछ तो पसंद आया होगा! ज़ाहिर सी बात है कि उसने आपका दिल और नियत ही पसंद की होगी वरना शक़्ल से तो आप चपड़गंजु पहले भी थे, अब भी हैं! तो उस हसीना पर शक़ कर-कर के अब यह क्यों सिद्ध करने में लग गए हैं कि दिल और दिमाग से भी आप पैदल ही हैं?
लड़कियाँ ज़्यादातर मामलों में लड़कों की शक्ल-सूरत से ज़्यादा उनके व्यवहार और दिल को टटोलती हैं|
वो लड़कों जैसी उथली ज़मीन पर नहीं रहतीं जहाँ सिर्फ़ शारीरिक सुंदरता ही हर चीज़ का माप-दंड है! तो इतना तो तय है कि अगर कोई लड़की आपको अपना दिल दे रही है तो आप का दिल देख कर, आपके चपटे बालों या मोटी नाक के बावजूद वो आपके साथ रिश्ता बनाने को तैयार है! इस बात की इज़्ज़त करो मेरे दोस्त और उस से भी ज़्यादा इज़्ज़त करो उस सुन्दर लड़की की जिसने जाने कितने लड़कों का दिल तोड़ के तुम्हें हाँ कहा होगा!
सदियों से यह कहावत है कि हूर के साथ लंगूर! भाई लंगूर बने रहो ना, हूर को कोई फ़ौलादी आशिक़ चाहिए होता तो वो चुन लेती! उसने लंगूर, यानि कि तुम्हें चुना है, क्योंकि उसे लंगूर ही चाहिए और वो किसी और में कोई दिलचस्पी नहीं रखती!
मान लो यह बात और अपना वक़्त बेकार की जासूसगीरी में लगाने की बजाये उसका दिल जीतने और उसे खुश रखने में लगाओ!
प्रेम-कहानी का सुखद अंत होगा वरना तुम जैसे लंगूर और भी बहुत हैं ज़माने में, उसने एक चुना, दूसरा भी चुन सकती है!