दुनियाभर में क्रिकेट का जलवा देखने को मिलता है लेकिन ऐसे कुछ देश हैं जो क्रिकेट के जादू से खुद को दूर ही रखते हैं।
आप भी सोच रहे होंगें कि जहां भारत, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश क्रिकेट के रंग में डूबे रहते हैं वहां कुछ देश खुद को इससे दूर कैसे रख पाते हैं।
दोस्तों, एशियाई देशों में तो क्रिकेट को बहुत पसंद किया जाता है लेकिन फिर भी चीन और जापान जैसे देश खुद को इससे दूर ही रखते हैं। इस लिस्ट में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका का नाम भी शामिल हैं। हम सभी जानते हैं कि अमेरिका ने कभी भी क्रिकेट का जलवा नहीं देखा – खुद को क्रिकेट के मैदान में नहीं उतारा है लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि अमेरिका खुद को क्रिकेट जैसे वर्ल्ड फेमस गेम से क्यों दूर रखता है ?
दोस्तों, आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि अमेरिका जैसा सुपर पॉवर देश क्रिकेट का खेल क्यों नहीं खेलता है।
18वीं सदी में शुरु हुआ क्रिकेट
18वीं सदी में क्रिकेट का दौर यूनाइटेड स्टेट से शुरु हुआ था। अमेरिका में क्रिकेट का खेल बेस बॉल के रूप में बल्ले और बॉल गेम के तौर पर लोकप्रिय था। हालांकि, ये बात भी सच है अमेरिका में बड़ी संख्या में कभी भी क्रिकेट का खेल नहीं खेला गया लेकिन हां कुछ समय के लिए अमेरिकियों ने इसमें दिलचस्पी जरूर दिखाई दी थी।
गृह युद्ध के समय संयुक्त राज्य अमेरिका प्रतियोगियों ने प्रतिभागियों के लिए बेसबॉल के साथ प्रतिस्पर्धा करना शुरु कर दिया था लेकिन इस खेल की लोकप्रियता में गिरावट आती गई और लोगों की इसमें दिलचस्पी घटती गई।
अमेरिका के इस सबके बावजूद फिलाडेफियन क्रिकेट टीम के साथ एक संक्षिप्त स्वर्ण युग का पालन किया। प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत तक सब कुछ ऐसे ही चलता रहा और इस समय क्रिकेट की लोकप्रियता में फिर से गिरावट आई। कहा जा सकता है कि प्रथम विश्व युद्ध ने अमेरिका में क्रिकेट को गुमनाम कर दिया।
बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में दक्षिण एशिया और वेस्ट इंडीज़ में क्रिकेट खेलने वाले क्रिकेट के अप्रवासियों ने खेल की लोकप्रियता में पुनरुत्थान की मदद की और इसने कई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की घटनाओं में भागीदारी और सफलता का नेतृत्व किया।
2007 में किया निलंबित
खबरों की मानें तो आईसीसी ने संयुक्त राज्य अमेरिका क्रिकेट एसोसिएशन को साल 2007 में निलंबित कर दिया था। प्रशासन के साथ कुछ समस्याओं की वजह से अमेरिका को बाहर किया गया था लेकिन साल 2008 में फिर से इसे पास कर दिया गया।
अब अमेरिका में धीरे-धीरे क्रिकेट को बढ़ावा मिल रहा है। खुद सचिन तेंदुलकर और दुनिया के कई दिग्गज खिलाडियों ने अमेरिका में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए इस देश में क्रिकेट खेला था। अब की बात करें तो डब्लूडब्लूई के सुपरस्टार जॉन सीना अमेरिका में क्रिकेट के ब्रांड एंबेस्डर बने हुए हैं।
कुछ मतभेदों की वजह से अमेरिका को क्रिकेट से दूर कर दिया गया लेकिन अब कोशिश की जा रही है कि अमेरिका भी क्रिकेट का जलवा देखे और इस विश्व प्रसिद्ध खेल में हिस्सा ले। देखते हैं इस बारे में अमेरिका क्या करता है।
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