कल तक न कोई खबर थी और न ही नवाज शरीफ का सऊदी अरब जाने का प्रोग्राम.
फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि नवाज शरीफ का सऊदी अरब जाने का प्रोग्राम अचानक बन गया.
दरअसल, इन दिनों पाकिस्तान के अंदरूनी हालात ठीक नहीं चल रहे. वहां एक बार फिर से सत्ता और सेना के बीच तनातनी बढ़ गई है. एक ओर जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पनामा कांड में फंसे हैं तो वही दूसरी ओर भारतीय नौ सेना के सेवानिवृत अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में इंटरनैशनल कोर्ट में पाक की हार से पाकिस्तान सेना और आईएसआई नवाज से खफा है.
बीच बीच में पाकिस्तान से नवाज की सत्ता का तख्ता पलट की आंशकाओं को लेकर खबरें आ रही है. उसको देखते हुए जानकारों का मानना है कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए ही नवाज बिन बुलाए मेहमान की तरह सऊदी अरब गए थे.
गौरतलब है कि इसके पहले भी जब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ सरकार का तख्ता पलट कर दिया था और उनकों फांसी देने की बात हुई थी तो उस वक्त भी सऊदी अरब के शाह और अमेरिका ने हस्तक्षेप करके उनकी सुरक्षित निकासी कराई थी.
ज्ञात हो कि पाकिस्तानी वकीलों ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अल्टीमेटम दिया कि अगर वह पनामा पेपर्स मामले में सात दिनों में सत्ता नहीं छोड़ते तो वे उनके खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और लाहौर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस रुख का ऐलान किया. दोनों बार एसोसिएशन की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है कि दोनों बार एसोसिएशन का मानना है कि पनामा पेपर्स मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अब अपने पद बने नहीं रहना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए.
पनामा मामले ने इस बात का स्पष्ट संकेत दिया है कि शरीफ और उनके बच्चों ने वित्तीय अनियिमितताएं और भ्रष्टाचार किए हैं इसीलिए जांच के लिए जेआईटी का गठन किया गया है.
हो सकता है इस बार भी इन्हीं बातों को लेकर नवाज अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने के लिए सऊदी अरब जा पहुंचे.
क्योंकि अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के पहले और बाद में डोनाल्ड ट्रम्प ने जिस प्रकार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के प्रति कड़ा रूख अपनाया हुआ है उसको देखते हुए हो सकता है कि सऊदी अरब के शाह के जरिए नवाज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मुलाकात का रोड मैप बिछाया हो.
बता दे कि डोनाल्ड ट्रम्प इन दिनों राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर हैं तो वहीं ट्रंप और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की यह पहली मुलाकात है.
खबरों की मानें को इस दौरान दोनों के बीच किसी मुद्दे पर बातचीत नहीं हुई है.
नवाज शरीफ का सऊदी अरब जाने का प्रोग्राम – ट्रंप ने पहले अरब इस्लामिक अमेरिकी समिट को संबोधित किया. इस समिट में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत 55 मुस्लिम देशों के नेताओं का जमावड़ा लगा रहा. वहीं, शरीफ के साथ पाकिस्तानी विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी सऊदी गए हैं.
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